नमस्कार साथियों* 🙏🏽
जिस दिन लिस्ट जारी हुई बहुत सारे अचयनित साथियों की कॉल आई एवं उन्होंने कहा कि भैय्या हमारा आवंटन नहीं हुआ है हम लिस्ट पर स्टे लेंगे आप हमारा साथ दो !
मैंने उनसे निवेदन किया की लिस्ट पर स्टे लेने से कुछ समाधान नहीं होगा।
हमें सबसे पहले न्याय के लिए कार्यपालिका का दरवाजा खटखटाना चाहिए अगर वहां से न्याय न मिले तब न्यायपालिका की शरण में जाना चाहिए ।
वास्तव में सभी अचयनित साथियों ने इस बात को माना एवं किसी ने स्टे के लिए कोई याचिका अभी तक दाखिल नहीं की है उम्मीद है कि आगे भी नही होगी !
अन्यथा साथियों जिस प्रकार से लिस्ट में विसंगतियां थी
जैसे -मुख्य याचिकाकर्ता का नाम लिस्ट में न होना ,
एक ही याचिका में से कुछ लोगों का आवंटन हो जाना कुछ का छूट जाना।
इन विसंगतियों से 4 दिन में ही लिस्ट पर स्टे हो जाता एवं पता नहीं हम लोग कितने दिन कोर्ट में आपस में लड़ते रहते हैं ।
मैं समझता हूं रिलीविंग के लिए 10 दिन का विलंब अवश्य हुआ है लेकिन अचयनित साथियों की समझदारी एवम् अब तक किए गए संघर्ष ने हम सभी को कोर्ट में एक अनिश्चितकालीन संघर्ष एवम् मानसिक अवसाद से बचा लिया है।
वास्तव में वह सभी साथी धन्यवाद के पात्र है।
अचयनित साथियों से पुनः निवेदन है कि वह लोग लखनऊ अधिक संख्या में पहुंचे क्योंकि अचयनित साथियों के कंधे पर अपनी लिस्ट जारी कराने से लेकर चनियत साथियों की रिलीविंग तक की जिम्मेदारी है।
आने वाले दो दिन सभी जिला आवंटन पीड़ित साथियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।
इसलिए अपने हक की लड़ाई में लखनऊ पहुंचकर साथ दें !
जिला आवंटन पीड़ित
विकास विकल & टीम
विकास विकल
अमित शेखर भारद्वाज