यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य पूरा हो चुका है। परीक्षार्थियों को अब परिणाम जारी होने का इंतजार है। इस बीच ठग भी सक्रिय हो गए हैं, इनसे सावधान रहने की जरूरत है। परीक्षार्थियों के पास मोबाइल नंबर 9073388061 से फोन कॉल आ रहे हैं, जिसमें पास कराने और अच्छे अंक दिलाने का ऑफर दे रहे हैं। एक परीक्षार्थी से स्कूल का टॉपर बनने के लिए 5500 रुपये, 70 फीसदी अंक लाने के लिए 4000 रुपये और अंग्रेजी विषय में पास कराने के लिए 2500 रुपये मांगे गए
आगरा के आरबीएस इंटर कॉलेज के इंटरमीडिएट के दो परीक्षार्थियों के पास शनिवार को फोन कॉल आए। फोन करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम सौरव बताया और कहा कि वह लखनऊ में रिजल्ट अपलोडर है। फोन करने वाले ने परीक्षार्थी शान खान की मां से बात की और बताया कि शान अंग्रेजी विषय में फेल है। पास करने के लिए रुपये की मांग की। शक होने पर शान की मां ने रोल नंबर पूछा, फोन करने वाले व्यक्ति ने रोल नंबर के साथ तत्काल उसके माता-पिता का नाम भी बता दिया
प्रतिशत के आधार पर मांगे रुपये
फोन करने वाले ने पास के प्रतिशत के आधार पर रुपये की मांग की। फोन पे से रुपये मांगे। छात्र शान की मां ने कहा कि उनके पास एंड्राएड फोन नहीं है तो उसने कहा कि एकाउंट नंबर पर रुपये भेज दें। आरबीएस के ही परीक्षार्थी सचिन के पास भी फोन पहुंचा। उसने भी अपने मां से बता करा दी। ठग ने बताया कि परीक्षा में सचिन फेल हो रहा है। रुपये देने पर उसे पास करा देगा।
सचिन की मां ने नाराज होते हुए कहा कि उसके पास कोई रुपये नहीं है, न ही वह देंगी, भले बेटा फेल हो जाए। दोबारा फोन न करने के लिए कहा। दोनों परीक्षार्थियों ने शिक्षक मनोज कुमार को फोन कॉल की जानकारी दी। उन्होंने परीक्षार्थियों को सूचित कर दिया कि किसी के बहकावे में न आएं। रुपये कतई न भेजें।
परीक्षार्थियों का डाटा ठगों के पास
परीक्षार्थियों का डाटा गोपनीय होता है। ठगों के पास डाटा पहुंचना भी सवाल खड़ा करता है। ठगों के पास नाम और रोल नंबर ही नहीं, बल्कि परीक्षार्थियों के मोबाइल नंबर भी उपलब्ध हैं।
परीक्षार्थी व अभिभावक रुपये न दें
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के डॉ. मुकेश अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के फोन कॉल आने पर परीक्षार्थी व अभिभावक रुपये कतई न दें। बोर्ड परीक्षा के अंक कोई नहीं बढ़वा सकता। न ही बोर्ड स्तर से कोई ऐसा फोन कर सकता है। मामले की जानकारी सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी जाएगी, जिससे फोन करने वाले का पता लगाकर कार्रवाई की जा सके।