लखनऊ, UP Budget 2022 Highlights: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 6,15,518.97 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। राज्य सरकार की आमदनी का बड़ा हिस्सा राज्य कर्मचारियों के वेतन, सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन और लिए गए कर्ज के ब्याज की अदायगी पर खर्च होता है।
गुरुवार को पेश किये गए चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियों का 55.4 प्रतिशत हिस्सा वेतन, पेंशन और ब्याज की अदायगी पर खर्च होने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन पर 1,53,569.66 करोड़ रुपये, पेंशन पर 77,077.75 करोड़ रुपये और ब्याज की अदायगी पर 45,987 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
वहीं राजस्व प्राप्तियों के जरिये सरकार ने 4,99,212.71 करोड़ रुपये जुटाने की मंशा जताई है। इस हिसाब से कुल राजस्व प्राप्तियों में वेतन, पेंशन और ब्याज की अदायगी की हिस्सेदारी 55.4 प्रतिशत है। वहीं कुल राजस्व व्यय के अनुपात में यह 60.7 प्रतिशत है। 2022-23 में सरकार का कुल राजस्व व्यय 4,56,089 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सरकार पर बढ़ा कर्ज का बोझ : राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ (ऋणग्रस्तता) बढ़ा है। बजट के आंकड़े इसकी गवाही दे हे हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों में राज्य की ऋणग्रस्तता 6,11,161.85 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था जो कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 28.1 प्रतिशत था। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में पेश किये गए 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमानों में न सिर्फ राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ा है बल्कि जीएसडीपी में उसकी हिस्सेदारी भी बढ़कर 34.9 प्रतिशत हो गई है। इसकी एक मुख्य वजह यह भी है कि 2021-22 के बजट अनुमान में जीएसडीपी 21,73,390 करोड़ रुपये आंकी गई थी लेकिन पुनरीक्षित अनुमानों में यह घटकर 17,49,469 करोड़ रुपये ही रह गई। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में राज्य की ऋणग्रस्तता 6,66,153.39 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। यह प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 32.5 प्रतिशत है।
विकास कार्यों और संपत्तियों के सृजन पर 1.23 लाख करोड़ खर्च का इरादा : योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 6,15,518.97 करोड़ रुपये के भारी भरकम बजट में विकास कार्यों और परिसंपत्तियों के सृजन (पूंजीगत परिव्यय) पर 1,23,919.85 करोड़ रुपये खर्च करने का इरादा जताया है। बजट को ईंधन देने के लिए राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में स्वयं के कर राजस्व से 2,20,655 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा जताया है। इसमें जीएसटी और वैट से 1,24,477 करोड़ रुपये, आबकारी से 49,152 करोड़ रुपये और परिवहन के मद में 10,887.11 करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के जरिये 1,46,498 .76 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार से सहायता अनुदान के तौर पर 1,08,652.7 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान जताया है।