मथुरा, बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत फर्जी शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज न किए जाने पर एसटीएफ ने नाराजगी जाहिर की है। आशंका जताई है कि इसका लाभ उठाकर फर्जी शिक्षक सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। यह भी कहा है कि ऐसे फर्जी शिक्षक कोर्ट से स्थगनादेश पर कार्यरत हैं, लेकिन बीएसए के स्तर से कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रखा जा रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है।
गौरतलब रहे कि प्रदेश स्तर पर एसटीएफ ने 176 फर्जी शिक्षक चिन्हित किए हैं। इसमें मथुरा जनपद से फर्जी शिक्षकों की संख्या करीब आधा दर्जन से अधिक बताई जाती है। एसटीएफ ने इन सभी के वेतन रोकने सहित रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश बीएसए को दिए थे। मथुरा बीएसए ने वेतन रोकने की कार्रवाई तो कुछ शिक्षकों के खिलाफ की है, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।
इस स्थिति पर एसटीएफ ने नाराजगी जाहिर की है कि संबंधित फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न करना फर्जी शिक्षकों को सपोर्ट देना है। इससे यह भी आशंका जाहिर की है कि संबंधी शिक्षक रिकॉर्ड के साथ हेराफेरी भी कर सकते हैं। एसटीएफ ने फर्जी शिक्षकों में चयनित कई ने कोर्ट से बीएसए की कार्रवाई पर स्थगन आदेश भी प्राप्त कर लिया है।
इस पर भी एसटीएफ ने बीएसए की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कहा है कि ऐसे शिक्षकों के स्थगन आदेश को निष्प्रभावी कराने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मथुरा जनपद से शुरू हुआ फर्जी भर्ती और उसके पर्दाफाश करने की प्रक्रिया विभागीय शिथिलता से दम तोड़ती नजर आ रही है। इसका लाभ फर्जी शिक्षक ग्रुप उठा रहा है। डायट प्राचार्य डॉ महेंद्र सिंह का कहना है कि एसटीएफ और विभागीय आदेशों के अनुरूप कदम उठाए जाएंगे।