इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक शिकायतकर्ता द्वारा योजित विशेष अपील की पोषणीयता पर प्रश्न किया गया है । प्रतिवादी द्वारा दाखिल आपत्ति पर जवाब देने के लिए शिकायतकर्ता को 6 जुलाई तक का समय दिया गया है । विशेष अपील में एकल न्यायमूर्ति द्वारा अलीगढ़ के शिक्षा अलंकार डिग्री धारक शिक्षक की बर्खास्तगी पर दिए गए स्थगन आदेश को चुनौती दी गई है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने वर्ष 2011 में मिर्जापुर के शिक्षक विनोद कुमार उपाध्याय की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर की शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के आदेश का अनुपालन ना होने पर वर्ष 2012 में राम मणि पांडे द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई थी । अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान तत्कालीन सचिव जितेंद्र कुमार ने कोर्ट को हलफनामा देखकर आश्वस्त किया था कि 2011 के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है । इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा 2012 में शासनादेश भी जारी किया गया था ।
अधिकारियों ने अलीगढ़ के शिक्षक की सेवाएं समाप्त करने के स्थान पर 2013 में सेवाओं का विनियमितीकरण कर दिया। 2021 में अलीगढ़ के अरुण कुमार द्वारा हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करने पर अधिकारियों ने शिक्षक की सेवाएं समाप्त कर दी। जिसके खिलाफ शिक्षक द्वारा याचिका योजित की गई। न्यायालय ने अंतरिम स्तर पर शिक्षक को राहत देते हुए बर्खास्तगी के खिलाफ स्थगन आदेश दे दिया ।