प्रयागराज, बेसिक शिक्षा परिषद के 1.50 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के सवा लाख से अधिक पद खाली है। लेकिन सरकार कह रही है कि शिक्षकों की कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान की कार्ययोजना और बजट के लिए शिक्षा मंत्रालय में हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक के आंकड़े और बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से विधानसभा में दिए जवाब में ये विरोधाभासी बात सामने आई है।
विधायक डॉ. मुकेश वर्मा के सवाल पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मई में विधानसभा में दिए जवाब में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 3,32,734 नियमित शिक्षकों के साथ 1,47,766 शिक्षामित्रों को भी शिक्षक माना था। इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 1,20,860 नियमित शिक्षकों के साथ 27,555 अंशकालिक अनुदेशकों को भी शिक्षक माना था। इस प्रकार मंत्री ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) मानकों के अनुरूप बताया था।
जबकि 22 जून को जारी 2022-23 सत्र की पीएबी रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों के 126028 पद खाली हैं।