खाद्यान्न व परिवर्तन लागत की धनराशि देने में लापरवाही की शिकायतें आ रहीं थीं सामने
बहराइच । कोरोना काल में परिषदीय विद्यालय लंबे समय तक बंद रहे थे । इस दौरान विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन नहीं बन सका था । विद्यालय खुलने पर शासन ने बंदी के समय का खाद्यान्न व परिवर्तन लागत की धनराशि अभिभावकों को प्रदान करने के निर्देश दिए थे , लेकिन विभिन्न स्थानों पर अब तक योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा सका है । ऐसे में क्रियान्वयन की सत्यता जांचने के उद्देश्य से अब अधिकारी घर – घर अभिभावकों से संपर्क करेंगे ।
कोरोना काल समाप्त होने के बाद शासन की ओर से प्राथमिक स्तर पर प्रति छात्र – छात्रा 3.2 किलोग्राम गेहूं व 6.2 किलोग्राम चावल कोटेदार के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना था । इसके साथ ही अभिभावकों के खाते में परिवर्तन लागत के रूप में 636 रुपये की धनराशि भेजी जानी थी । उच्च प्राथमिक स्तर पर 4.350 किलोग्राम गेहूं व 8.7 किलोग्राम चावल अभिभावकों को देने के साथ ही परिवर्तन लागत के रूप में 901 रुपये प्रदान किए जाने थे । इस संबंध में कई माह पूर्व ही आदेश जारी किए गए थे लेकिन विभिन्न स्थानों से कोटेदारों की ओर से खाद्यान्न न देने व परिवर्तन लागत की धनराशि प्रदान न करने की शिकायतें मिल रहीं थीं । ऐसे में अब शासन ने सख्ती दिखाई है ।
अब डायट प्राचार्य , बेसिक शिक्षाधिकारी व खंड शिक्षाधिकारियों व एमडीएम के जनपद समन्वयक कम से कम दस परिवारों से मिलकर योजना के क्रियान्वयन की सत्यता की जांच करेंगे । पता करेंगे कि खाद्यान्न और परिवर्तन लागत का पैसा मिला है या नहीं इस पूरी कवायद के बाद रिपोर्ट तैयार कर ई मेल के माध्यम से दस सितंबर तक शासन को भेजी जाएगी ।
” जांच कर भेजेंगे रिपोर्ट खाद्यान्न व अभिभावकों के खाते में भेजे जानी वाली धनराशि पात्रों तक पहुंची है या नहीं इसकी जांच के निर्देश मिले हैं । शीघ्र ही जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी । अव्यक्त राम तिवारी , बीएसए