14 को स्मृति दिवस पर तिरंगा लेकर मौन यात्रा निकाली जाए
लखनऊ, । प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि आजादी की 76वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक बनाने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। जिलों में झण्डों का वितरण 12 अगस्त तक अवश्य करा दिया जाए, ताकि 13 अगस्त को झंडा घरों में लग सके। राष्ट्रीय ध्वज भारत की आन, बान, शान का प्रतीक है, सभी ध्वज को पूरे सम्मान के साथ लगाएं। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर तिरंगा लेकर मौन यात्रा निकाली जाए।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश गुरुवार को सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अथवा उनके परिजनों को अधिकारी स्वयं जाकर झण्डा दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में भी आमंत्रित किया जाये और मंच पर स्थान दिया जाये और उन्हें सम्मानित करें और ओडीओपी उपहार भेंट करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि विभाजन से विस्थापित हुए परिवारों की पहली व दूसरी पीढ़ियों को साथ लेकर शरणार्थी बस्तियों, बाजार या विवि से तिरंगा लेकर आधा से एक किमी दूरी तक की मौन यात्रा निकाली जाए। उन्होंने कहा कि कोविड का इंफेक्शन रेट बढ़ रहा है, अत: प्रिकॉशन डोज लेने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी डोज लेने के लिये प्रेरित करें। भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक ले चुके 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग तीसरी खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स का टीका लगवा सकते हैं।
निर्माण कार्य जल्द पूरा कराए जाएं
मुख्य सचिव ने कहा कि नगर निगम की सीमा में शामिल किये गये ग्रामीण इलाकों में चल रहे निर्माण कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करा दिया जाये। उन्होंने मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अंतर्गत गठित नगर निकायों और विस्तारित किये गये पुराने नगर निकायों में मूलभूत विकास किया जाना है, अत: इसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार कर शीघ्र नगर विकास विभाग को उपलब्ध करा दी जाये।
इस मौके पर जिलाधिकारी महोबा द्वारा ‘एक ऐतिहासिक धरोहर’ प्रस्तुतीकरण दिया गया है, जिसमें उन्होंने ऐतिहासिक धरोहर के विकास कार्यों तथा भविष्य में कराये जाने वाले कार्यों के बारे में अवगत कराया। जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतापगढ़ में चलाये जा रहे अभियान के विषय में अवगत कराया। जिलाधिकारी सीतापुर द्वारा जलकुंभी शिल्प पर तथा सीडीओ सिद्धार्थनगर द्वारा कनवर्जेन्स के माध्यम से शिक्षा अवस्थापना सुविधाओं के किये गये विकास के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया।