गोंडा शिक्षकों के वेतन से आठ सालों से हो रहे सामूहिक बीमा के नाम पर कटौती पर रोक पहली सितंबर को लग गई। इसके बाद भी पांच सितंबर को भेजे वेतन में फिर 3400 शिक्षकों और कर्मियों के वेतन से कटौती कर ली गई। वहीं वित्त नियंत्रक की ओर से आठ साल में की गई कटौती का ब्यौरा मांगा गया है, जिसमें माह अगस्त की रिपोर्ट भी मांगी गई है। फिर भी शिक्षकों का कहना है कि रोक लग गई तो वेतन से कटौती नहीं की जानी चाहिए थी।
शिक्षकों को वेतन देने का कार्य वित एवं लेखाधिकारी कार्यालय करता है। जय विभाग साल 2014 से सामूहिक बीमा योजना बंद होने के बाद भी कटौती करता रहा सचिव बेसिक शिक्षा की दखल के बाद पहली अगस्त को जब वित्त नियंत्रक ने कटौती रोकने का आदेश दिया तब विभाग के अधिकारियों ने यह माना कि कटौती नहीं की जानी है फिर भी कटौती कर ली। शिक्षकों व कर्मियों के वेतन से सात लाख 30 हजार से अधिक रुपए की कटौती कर ली गई है। अब सितंबर माह का वेतन अक्टूबर में दिया जाना है। शिक्षकाें और कर्मियों की निगाह टिकी है कि वेतन से कटौती बंद होगी की नही।