परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा विद्यालयों में इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों के माध्यम से मेण्टरिंग किये के जाने के सम्बन्ध में शासनादेश जारी
परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य की निगरानी करेंगे रिटायर्ड शिक्षक, राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता
एक वर्ष का होगा कार्यकाल, परफॉर्मेंस के आधार पर होगा नवीनीकरण
जिला स्तर पर गठित समिति ‘शिक्षक साथी’ के तौर पर करेगी चयन
उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा विद्यालयों में इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों के माध्यम से मेण्टरिंग किये के जाने के सम्बन्ध में
अवगत कराना है कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यांजलि योजना प्रारंभ की गई है । इस योजना का उद्देश्य स्वयं सेवी लोगों के सहयोग से विद्यालयों में शिक्षण कार्य में सुधार लाना है। तत्क्रम में विद्यालयों में अतिरिक्त अकादमिक अनुसमर्थन प्रदान किए जाने के उद्देश्य से इच्छुक सेवानिवृत्त परिषदीय शिक्षकों (शिक्षक साथी) के माध्यम से विद्यालयों का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण किए जाने का निर्णय लिया गया है। तत्सम्बन्धी शासनादेश संलग्न है, जिसके मुख्य बिंदु निम्नवत हैं –
👉 व्यवस्था एवं संरचना।
👉 शिक्षक साथी चयन हेतु अर्हता।
👉 चयन प्रक्रिया।
👉 शिक्षक साथी का चयन।
👉 शिक्षक साथी का कार्यकाल अन्य निर्देश।
👉 शिक्षक साथी के कार्य एवं दायित्व।
अतः प्रेषित शासनादेश के अनुसार एक माह के अंदर शिक्षक साथी का चयन कराते हुए तत्संबंधी सूचना राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षण कार्य की निगरानी में अब सेवानिवृत्त शिक्षक सहयोग करेंगे। इन शिक्षकों का ‘शिक्षक साथी’ के तौर पर जिले स्तर पर गठित समिति चयन करेगी। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा और परफॉर्मेंस के आधार पर जिला चयन समिति के अनुमोदन से नवीनीकरण किया जा सकेगा। नियुक्ति की अधिकतम आयु 70 वर्ष होगी। राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता मिलेगी।
शिक्षक साथी को मोबिलिटी भत्ता के रूप में 2500 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। अन्य कोई भत्ता या मानदेय नहीं दिया जाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक व माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इसमें उन्होंने सभी डीएम को एक माह में शिक्षक साथी के चयन के निर्देश दिए हैं।
चयन योग्यता के तहत परिषदीय प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक विद्यालय में न्यूनतम पांच वर्ष का शिक्षण अनुभव जरूरी होगा। ब्लॉक व नगर क्षेत्र के लिए चयन की अधिकतम संख्या नहीं तय की गई है। शिक्षक साथी चयन के बाद जिला परियोजना कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करेंगे। उनकी उपस्थिति उनके द्वारा सपोर्टिव सुपरविजन रिपोर्ट प्रेरणा एप पर अपलोड करने से मानी जाएगी और उसी के अनुसार मोबिलिटी भत्ता मिलेगा।
■ -एक साल की संविदा और 2500 रुपये मोबिलिटी भत्ते पर होगी तैनाती
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए रिटायर शिक्षकों की मदद ली जाएगी। उन्हें मेंटर बनाते हुए रिटायर शिक्षकों का एक शिक्षक साथी समूह बनाया जाएगा। इन्हें 2500 रुपये मोबिलिटी भत्ता दिया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी कर दिया।
उन्होंने बताया कि बीते दिनों नई दिल्ली में हुई एक बैठक में शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के मुताबिक रिटायर शिक्षकों की मदद लेने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत रिटायर शिक्षकों से शिक्षक साथियों का एक समूह बनाया जाएगा जो स्कूलों के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण और लर्निंग आउटकम के सापेक्ष बच्चों में सीखने के स्तर को बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
■ मिलेंगे 2500 रुपये प्रतिमाह..
यह शिक्षक साथी और कोई भी काम नहीं करेंगे। इस काम के लिए इन्हें 2500 रुपये प्रतिमाह की दर से मोबिलिटी भत्ता दिया जाएगा। अन्य किसी प्रकार का कोई भत्ता या मानदेय देय नहीं होगा। प्रेरणा एप की रिपोर्ट के आधार पर ही भत्ता देय होगा। इन शिक्षक साथियों का कार्यकाल एक वर्ष का होगा और हर वर्ष परफॉर्मेंस के आधार पर इसका नवीनीकरण किया जाएगा। इन शिक्षक साथियों को न्यूनतम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सपोर्टिव सुपरविजन प्रेरणा ऐप के माध्यम से करना होगा और इसकी रिपोर्ट जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से बीएससी और डायट प्राचार्य को भेजी जाए।
■ कैसे होगा चयन?
शिक्षक साथी के चयन के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन किया जाएगा। इसमें परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक या प्रधानाध्यापक के रूप में न्यूनतम पांच वर्ष तक शिक्षण अनुभव रखने वाले रिटायर शिक्षक आवेदन कर सकेंगे। रिटायर होने से 70 वर्ष की आयु तक आवेदन किया जा सकेगा। राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। हर ब्लॉक या नगर क्षेत्र में चयन की अधिकतम संख्या का निर्धारण नहीं किया गया है, सभी योग्य शिक्षक आवेदनकर्ताओं को शामिल किया जा सकता है। जनपदीय चयन समिति द्वारा आवश्यकता आधारित ब्लॉकों का आवंटन किया जाएगा।
■ क्या करना होगा?
शिक्षक साथी दीक्षा और रीडर लॉन्ग आपके प्रयोग के लिए बच्चों को प्रेरित करेंगे। वही बच्चों की प्रार्थना सभा, बैठक व्यवस्था, समय सारिणी का इस्तेमाल, बाल संसद, मीना मंच, पुस्तकालय आदि के लिए व्यवस्था देखेंगे। जेंडर समानता, जीवन कौशल शिक्षा, पर्यावरण सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, बाल अधिकार जैसे विषयों पर विचार-विमर्श कर शिक्षकों को संवेदनशील बनाएंगे।