लखनऊ:यूपी बोर्ड की वर्ष 2023 की हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षाओं में शामिल होने जा रहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की संस्थागत व व्यक्तिगत छात्राओं का विद्यालय यदि परीक्षा केंद्र बनेगा तो उन्हें स्वकेंद्र परीक्षा की सुविधा मिलेगी। वहीं जिन छात्राओं व दिव्यांग परीक्षार्थियों को स्वकेंद्र की सुविधा नहीं मिलेगी, उनका परीक्षा केंद्र पांच किलोमीटर की परिधि में आवंटित किया जाएगा। इसी तरह छात्रों का परीक्षा केंद्र उनके विद्यालय से यथासंभव पांच से दस किमी. की परिधि में होगा। यदि दस किमी. में विद्यालय नहीं है तो छात्र का विद्यालय से 15 किमी. की परिधि में स्थित नजदीकी विद्यालय में परीक्षा केंद्र होगा।
इसके अलावा 40 प्रतिशत स्थायी दिव्यांगता वाले छात्र, छात्राओं को भी यदि उनका विद्यालय केंद्र होगा तो परीक्षण के बाद स्वकेंद्र परीक्षा की अनुमति मिलेगी। अन्यथा ऐसे दिव्यांग छात्र, छात्राओं को नजदीकी परीक्षा केंद्र में समायोजित किया जाएगा।परीक्षा केंद्र निर्धारण से जुड़े उक्त निर्देश शासन ने यूपी बोर्ड की परीक्षा 2023 के लिए केंद्र निर्धारण प्रक्रिया की नीति जारी कर दिए हैं। नीति में परीक्षा केंद्र के चयन से लेकर निर्धारण व आवंटन तक की प्रक्रिया घोषित की गई है। इसके तहत केंद्रों का निर्धारण ऑनलाइन व्यवस्था से किया जाएगा। इसके लिए राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों व वित्तविहीन विद्यालयों की अलग-अलग मेरिट
तैयार की जाएगी। निर्देशों के तहत विषम भौगोलिक परिस्थिति व विद्यालय की अनुपलब्धता को देखते हुए हाईस्कूल के परीक्षार्थियों को कम दूरी वाले निकटस्थ केंद्र पर व इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों को दूर का निकटस्थ परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा।
ऐसे विद्यालय ही बनेंगे केंद्र
- परीक्षा केंद्र बनने वाले विद्यालय में प्रवेश द्वार से लेकर प्रत्येक शिक्षण कक्ष, स्ट्रांग रूम आदि में वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा व 30 दिन की रिकार्डिंग क्षमता वाला डीवीआर जरूरी होगा। साथ ही वेबकास्टिंग से मॉनीटरिंग के लिए राऊटर डिववाइस व हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन अनिवार्य होगा।
- केंद्र पर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए दो डबल लॉक अलमारी व उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा के लिए दो लोहे की डबल लॉक अलमारियों सहित स्ट्रॉग रूम की उपयुक्त व्यवस्था अनिवार्य होगी।
- केंद्र के चारों ओर सुरक्षित चहारदीवारी व मुख्य प्रवेश द्वार पर लोहे के गेट की व्यवस्था जरूरी होगी।
- राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को छोड़कर बाकी केंद्र बनने वाले विद्यालय तक जाने वाले मार्ग की चौड़ाई दस फीट से कम न हो। ताकि वहां आसानी से पहुंचा जा सके।
- मान्यता पत्र जारी के बाद जिस विद्यालय के परीक्षार्थी कम से कम दो वैध परिषदीय परीक्षाओं में शामिल हो चुके हों, वे ही विद्यालय केंद्र बन सकेंगे। राजकीय विद्यालयों को इस शर्त से छूट रहेगी।
- विद्यालय में स्थाई विद्युत व्यवस्था हो। साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जेनरेटर व इनवर्टर हो।
- एक ही प्रबंधक द्वारा संचालित एक से अधिक विद्यालयों के छात्र/छात्राओं का परीक्षा केंद्र उसी प्रबंधक के अधीन संचालित अन्य विद्यालय में आवंटित नहीं होगा।
ऐसे होगी केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षकों की तैनाती
- जिन विद्यालयों की छात्राओं को स्वकेंद्र सुविधा मिलेगी, वहां केंद्र व्यवस्थापक के साथ 50 फीसदी बाहरी स्टाफ ड्यूटी करेगा।
- प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर अनिवार्य रूप से एक बाह्य केंद्र व्यवस्थापक की नियुक्ति होगी जो जो किसी राजकीय या अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय का वरिष्ठ व अनुभवी शिक्षक होगा।
- जिन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र निर्धारित किया जाए उनमें विद्यालय के प्रधानाचार्य यदि डिबार नहीं किए गए हैं तो वे केंद्र व्यवस्थापक के रूप में नियुक्त किए जाएंगे। वहीं जो प्रधानाचार्य डिबार हैं, वहां राजकीय या अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक को केंद्र व्यवस्थापक व बाह्य केंद्र व्यवस्थापक भी नियुक्त किया जाएगा।
- किसी भी दशा में केंद्र में परीक्षाएं खुले में नहीं होंगी। साथ ही एक ही प्रबंधतंत्र के अधीन निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर उसी प्रबंधतंत्र द्वारा संचालित अन्य विद्यालयों के शिक्षकों की कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगेगी।
परीक्षा केंद्र निर्धारण की टाइम लाइन
- क्रेंद्र निर्धारण के लिए विद्यालयों की अवस्थापना व संसाधन की सूचना यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर 22 अक्तूबर तक अपलोड करनी होगी।
- विद्यालयों के बीच दूरी संबंधी जियो लोकेशन की सूचना विद्यालय प्रांगण से मोबाइल एप पर 28 अक्तूबर तक अपलोड की जाएगी।
- जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति द्वारा भौतिक सत्यापन 18 नवंबर तक कराया जाएगा। वहीं समित की सत्यापन की आख्या 25 नवंबर तक वेबसाइट पर अपलोड होगी।
- ऑनलाइन विधि से चयनित परीक्षा केंद्रों की सूची जिला समिति के अवलोकनार्थ वेबसाइट पर 8 दिसंबर तक अपलोड होगी।
- छात्रों, अभिभावकों, प्रधानाचार्य व प्रबंधकों से आपत्तियां 14 दिसंबर तक मांगी जाएंगी। वहीं आपत्तियों का निस्तारण करके आख्या, संस्तुति 20 दिसंबर तक जिला समिति ऑनलाइन अग्रसारित करेगी।
- परीक्षा केंद्रों को लेकर यदि दोबारा किसी को आपत्ति है तो वह 31 दिसंबर तक परिषद की ई मेल पर आपत्ति भेज सकेगा।
- आपत्तियों के बाद परीक्षार्थियों के आवंटन संग परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची 7 जनवरी को परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।
प्रबंधतंत्र व प्रधानाचार्य के बीच विवाद वाले स्कूल नहीं बनेंगे परीक्षा केंद्र
प्रदेश में यूपी बोर्ड के जिन वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधतंत्र व प्रधानाचार्य के बीच विवाद होगा, उस विद्यालय को वर्ष 2023 में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। यहीं नहीं जिन अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालयों में प्रबंधकीय विवाद है और वहां नियमानुसार प्राधिकृत नियंत्रक नियुक्त नहीं है, उन्हें भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति में कहा गया है कि जिन विद्यालयों के प्रधानाचार्य केंद्र निर्धारण के लिए जरूरी सूचनाएं समय से अपलोड नहीं करेंगे और गलत सूचनाएं देंगे, उनके विद्यालय को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। साथ ही ऐसे प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही प्रबंधतंत्र को भी उत्तरदायी माना जाएगा। नकल, पर्चा आउट, हंगामे की घटनाओं में लिप्त रहे या डिबार विद्यालय केंद्र नहीं बनेंगे। वित्तविहीन जिन विद्यालयों के परिसर में प्रबंधक, प्रधानाचार्य आवास या छात्रावास हैं, उन्हें भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा। किसी विद्यालय के प्रवेश द्वार, शिक्षण कक्ष आदि के ऊपर से कोई हाईटेंशन बिजली लाइन गई है तो उन्हें भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा। एक पाली में एक पाली में 125 से कम धारण क्षमता वाले निजी विद्यालय भी परीक्षा केंद्र नहीं बनेंगे।
इन पर भी होगा प्रतिबंध
- वर्ष 2022 की परीक्षा में जिन वित्तविहीन विद्यालयों में पंजीकृत परीक्षार्थियों के सापेक्ष पूरी बोर्ड परीक्षा में गैर हाजिर रहने वाले परीक्षार्थियों का कुल प्रतिशत 30 प्रतिशत या अधिक रहा है, वह केंद्र नहीं बनेंगे।
- जिन वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 80 से कम होगी, उन्हें भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी जिला समिति
परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए जिले स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति होगी। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक/ पुलिस कमिश्नर द्वारा नामित अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिले के दो वरिष्ठ प्रधानाचार्य व संबंधित सब डिवीजन के उप जिलाधिकारी सदस्य होंगे। वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव होंगे।