अगले सत्र की किताबों का बजट इसी वर्ष
किताबें शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले स्कूल पहुंच जाएं इसके लिए बजट इसी सत्र में आवंटित करवाने की तैयारी है। निशुल्क पाठ्यपुस्तकों में 300 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक, ये बजट इसी वर्ष जारी करवाया जाएगा क्योंकि किताबों 75 फीसदी पैसा सप्लाई के बाद दिया जाता है। बजट न होने के कारण किताबें छपने में देरी होती है। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है। पुस्तक नीति तैयार कर इसी महीने कैबिनेट भेजी जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी के बाद नवम्बर में इसका टेण्डर जारी किया जाएगा। अभी किताबों का टेण्डर अप्रैल से जून तक में किया जाता है। वहीं सप्लाई जुलाई-अगस्त में शुरू होती है जबकि नया शैक्षिक सत्र अप्रैल से शुरू हो जाता है।
● आगे चल कर स्थानीय जरूरतों के मुताबिक किया जा सकता है इसमें बदलाव
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया,एनसीईआरटी से अनुबंध
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से तीन तक अगले सत्र (2023-24) से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके लिए एनसीईआरटी से अनुबंध कर लिया गया है। वहीं, अगले सत्र के लिए मार्च तक किताबें स्कूलों में पहुंचाने की तैयारी है।
परिषदीय स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम चरणबद्ध ढंग से लागू करने का निर्णय 2018 में लिया गया था और 2021-22 से कक्षा एक से आठ तक चरणबद्ध ढंग से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने की योजना थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब सरकार अगले सत्र में कक्षा एक से तीन और उसके अगले दो वर्षों यानी 2025-26 तक कक्षा आठ तक पाठ्यक्रम लागू करेगी। अभी उसी पाठ्यक्रम को लागू किया जा रहा है। आगे चल कर इसमें स्थानीय आवश्यकताओं के मुताबिक बदलाव किया जाएगा।