राज्य शैक्षिक प्रबंधक एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) प्रयागराज में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत डायट मेंटर, एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) और स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण पर आधारित चार दिवसीय पुनर्बोधात्मक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण का सातवां चरण शुक्रवार से शुरू हुआ है। इसमें प्रदेश के छह जिलों कन्नौज, बस्ती, फिरोजाबद, कुशीनगर, चन्दौली और फर्रुखाबाद के 198 शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। इस प्रशिक्षण का समापन 28 नवंबर को होगा। चार-चार दिन का प्रशिक्षण 19 चरणों में 18 जनवरी तक चलेगा।
सीमैट निदेशक बोले- कार्यक्षेत्र में नई चुनौतियों का करना होगा सामना : सीमैट निदेशक दिनेश सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में चुनौतियों का सामना आप बेहतर ढंग से कैसे करेंगे। इस पर मनन करने की आवश्यकता है। आपके कार्यक्षेत्र में नई-नई चुनौतियों का सामना करना होगा। इन चुनौतियों का समाधान तार्किक रूप से करते हुए लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है। इस प्रशिक्षण में चुनौतियों के समाधान का तरीका सिखाया जाएगा। कहा कि शिक्षण प्रक्रिया के दौरान शिक्षक का मुख्य कर्तव्य बच्चों के अधिगम स्तर को समय-समय पर परिक्षण करें। फिर उसके अनुरूप शिक्षण कार्य को संपादित करें। उन्होंने अधिगम स्तर को कक्षा के अनुकूल करने पर विशेष जोर दिया।
संस्थान के विभागाध्यक्ष ने दिया टिप्स : संस्थान के विभागाध्यक्ष डा. अमित खन्ना ने कहा कि यह प्रशिक्षण गतिविधि आधारित होगा। जिसका क्रियान्वयन आप अपने कार्य क्षेत्र में शिक्षकों से कराएंगे। साथ ही विद्यालय में गतिविधि आधारित शिक्षण प्रक्रिया को प्रोत्साहित करेंगे। कार्यक्रम समन्यक प्रभात कुमार मिश्र ने कहा कि चार दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान आपको शिक्षण प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा। जिससे आप प्रशिक्षित होकर निपुण विद्यालय बनाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर पवन सावंत, सरदार अहमद, बीआर आबिदी, विप्लव प्रताप सिंह आदि थे।