बेसिक शिक्षा विभाग में 44 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने नौकरी के लिए फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाए हैं। आरोपियों में विभाग के कई शिक्षक नेता भी शामिल हैं। विभागीय कर्मचारियों ने जानकारी के बाद भी इसकी अनदेखी करते रहे। अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बीएसए को फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों की सूची भेजते हुए जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों पर नौकरी करने वालों को बाहर करने के बाद अब फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाकर 44 शिक्षकों के नौकरी करने का सनसनी खेज मामला उजागर हुआ है। विभाग के कर्मचारी इनकी फाइल भले ही दबाकर बैठे हुए हैं, मगर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के पास यह शिकायत पहुंच गई है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जिन आरोपी शिक्षकों की सूची भेजी हैं, उनमें कई शिक्षक नेताओं के नाम भी हैं। इनमें विभाग में दबंगई के साथ रहने वाले कुछ शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी हैं। बीएसए के पास फर्जीवाड़ा करने वालों की सूची आने के बाद विभाग में खलबली मची है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर इन शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाणपत्र की वास्तविकता की जांच करने को कहा है। लोगों में चर्चा रही कि भले चंगे दिखने वाले ये शिक्षक करीब दस वर्ष से विभाग में तैनात रहकर मोटा वेतन ले रहे हैं।
फर्जीवाड़ा में 78 शिक्षकों को किया जा चुका है बर्खास्त
बेसिक शिक्षा विभाग में दो वर्षों में फर्जी शिक्षकीय अभिलेखों के आधार पर नौकरी करने वाले 78 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। वर्तमान बीएसए अपने कार्यकाल में ऐसे 16 शिक्षकों पर कार्रवाई कर उन्हें नौकरी से बाहर कर चुके हैं। माना जा रहा है कि यदि दिव्यांग प्रमाणपत्रों की वास्तविक रुप से जांच हुई तो 44 आरोपी शिक्षक भी बर्खास्त किए जा सकते हैं।
आठ वर्ष बाद उठा दिव्यांगों का मामला
बेसिक शिक्षा विभाग में आठ वर्ष पूर्व फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र पर नौकरी करने के मामले ने जोर पकड़ा था। सूत्रों के मुताबिक तब विभागीय कर्मचारियों ने ही इस मामले को दबा दिया था। अब शिकायत महानिदेशक स्कूल शिक्षा के पास पहुंची है, सो माना जा रहा है कि इस बार इन शिक्षकों पर कार्रवाई जरूर होगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने 44 ऐसे शिक्षकों की सूची भेजी है, जिन पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी करने का आरोप है। खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर वास्तविकता खंगालने को कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएंगी। भूपेंद्र सिंह, बीएसए