कन्नौज। सूबे में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के तहत 1450 शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग को मिले थे। करीब दो साल में चार चरणों में हुई परिषदीय स्कूलों में तैनाती के बाद से ज्यादातर अध्यापकों को बकाया एरियर नहीं मिला है। विभाग फिर से सत्यापन का बहाना करने लगा है जबकि छह महीने पहले ही करीब 800 फाइलों की जांच पूरी हो गई थी।
तत्कालीन बीएसए केके ओझा और संगीता सिंह के समय में चार चरणों में जिले को करीब 1450 सहायक अध्यापक मिले थे दो साल में भी बेसिक शिक्षा महकमा अभिलेखों का सत्यापन नहीं कर सका है। इस वजह से करीब 1400 शिक्षकों का एरियर बकाया है।
एरियर के नाम पर रुपये वसूलने के आरोप में विभागीय बाबू बलवीर सिंह यादव को एंटीकरप्शन टीम ने अप्रैल में पकड़कर जेल भी भेजा था। उसके बाद बाबू को निलंबित कर दिया गया था। इस कार्रवाई के
बाद भी विभाग सहायक अध्यापकों को एरियर देने में लापरवाही बरत रहा है।
बीएसए कौस्तुभ सिंह का कहना है कि एरियर के लिए फाइलों का जो सत्यापन पहले हुआ था, वह मिला दिया गया है। बीईओ गिरिजेश कुमार, अवनीश व विपिन कुमार की टीम गठित है। बाबू भी शामिल किए गए हैं। समिति ने अब तक 144 शिक्षकों की पत्रावलियां जांचों हैं, जिसमें 116 पात्र शिक्षक ही मिले हैं। 28 अपात्र सामने आए हैं। समिति को 15 दिन में काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।