बरेली: बेसिक के स्कूलों में शिक्षकों के समय से स्कूल नहीं पहुंचने व समय से पूर्व ही स्कूल से जाने की शिकायतों पर जल्द ही अंकुश लग सकता है। शासन स्तर पर इसके लिए योजना तैयार की गई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अगले दो माह में यह कवायद शुरू कराई जा सकती है। इसके तहत सुबह स्कूल पहुंचने और स्कूल की छुट्टी होने के बाद शिक्षक विभागीय पोर्टल पर जियो टैगिंग के तहत सेल्फी अपलोड करेंगे। लेकिन योजना की भनक लगते ही शिक्षक नेताओं ने अभी से विरोध शुरू कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि इस प्रकार की योजना शिक्षकों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली हैं। इसे किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं किया जा सकता।
सेल्फी नहीं अपलोड करेंगे शिक्षक : शिक्षक नेता
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के शिक्षक नेता जितेंद्र पाल गंगवार का कहना है कि बेसिक शिक्षा के अंतर्गत शिक्षक बगैर संसाधनों के मोबाइल से विभिन्न ऑनलाइन कार्य करने में जुटे हुए हैं। इसके बावजूद इस प्रकार शिक्षकों का मानसिक शोषण किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शिक्षकों की निजता पर प्रहारः
यूपी जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डा. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि सेल्फी अपलोड करना शिक्षकों की निजता पर प्रहार करने जैसा है। जबकि बेसिक के शिक्षक पूरी ईमानदारी और निष्ठा से शिक्षण कार्यों के अतिरिक्त दी गई जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं। सेल्फी अपलोड करने वाले निर्देश का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा।
आंदोलन किया जाएगा: यूटा के जिलाध्यक्ष
यूटा के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो प्रदेश व्यापी आंदोलन कर विरोध किया जाएगा। शिक्षक किसी भी दशा में सेल्फी नहीं भेजेंगे।