परिषदीय विद्यालयों में अधिकतर बच्चे बिना स्वेटर और जूते के आ रहे हैं। बताया जाता है कि अभिभावकों ने यूनिफार्म की रकम अन्य मद में खर्च कर दी है। शिक्षा अधिकारियों के जागरुकता अभियान के बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। ठंड को देखते हुए शिक्षक अभिभावकों से स्कूल ड्रेस खरीदने की अपील कर रहे हैं।दिसंबर की शुरुआत होने के साथ ही ठंड बढ़ने लगी है। शुक्रवार को विद्यालयों की पड़ताल में पता चला कि 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे बिना स्वेटर और जूता-मोजा के स्कूल आ रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में धनराशि जा चुकी है।सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है। बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के साथ यूनिफॉर्म, बैग, fears के अलावा ठंड से बचाव के लिए स्वेटर और जूता-मोजा भी दे रही थी। लेकिन, गड़बड़ी की शिकायतें सामने आने के बाद व्यवस्था में परिवर्तन करके प्रति बच्चा 1200 रुपये अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं। बीते वर्ष शुरू हुई इस योजना में ठंड बीतने के बाद 70 प्रतिशत अभिभावकों के बैंक खाते में धनराशि जा पाई थी। उसमें भी अधिकांश अभिभावक घर खर्च में रुपये खर्च कर दिए और स्वेटर नहीं खरीद सके।बिस्कोहर प्रतिनिधि के अनुसार, भनवापुर क्षेत्र की न्याय पंचायत बिस्कोहर के इंग्लिश मीडियम प्राइमरी विद्यालय प्रथम बिस्कोहर में मौजूदा सत्र में 260 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। उनमें 220 बच्चे उपस्थित मिले। 242 बच्चों का डाटा डीबीटी के तहत भेजा गया था 50 प्रतिशत बच्चों के अभिभावकों के खाते में ही अबतक स्वेटर व जूता मोजा की धनराशि आई है विद्यालय के इंचार्ज अभयंकर सिंह ने बताया कि सत्र 2021-22 में 290 बच्चे पंजीकृत हैं। 242 बच्चों का और वर्तमान सत्र में 260 में 240 बच्चों का डाटा भेजा गया था। बाकी बचे बच्चों का आधार न बनने और अभिभावकों का खाता बैंक में सीड न होने से रुका हुआ है। इसी न्याय पंचायत के कंपोजिट विद्यालय संग्रामपुर में वर्तमान सत्र में कुल 210 छात्र- छात्राएं पंजीकृत हैं। इनमें से अभी तक केवल 111 बच्चों के अभिभावकों के खाते में ही रकम पहुंची है। दूसरी तरफ, प्राथमिक विद्यालय देवीपुर में पंजीकृत 149 छात्रों में से 74 बच्चों के बच्चों के खाते में रकम आई है।
घोसियारी प्रतिनिधि के अनुसार, खेसराहा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय रिना में बच्चे बिना स्वेटर के मिले विद्यालय में कुल 80 बच्चे पंजीकृत हैं 46 बच्चों की ड्रेस व स्वेटर का पैसा आया है। शेष बच्चे बिना ड्रेस के आ रहे हैं। प्रधानाध्यापक अनिल कुमार ने बताया कि शेष बच्चों का पैसा प्राप्त नहीं हुआ है। प्राथमिक विद्यालय बूढ़ी घोसियारी में पिछले वर्ष कुल 164 बच्चे पंजीकृत थे। उनमें से केवल 138 बच्चों के खातों में पैसा आया था। शेष बच्चों को ड्रेस व जूते का पैसा नहीं आया था प्रधानाध्यापक सूर्यभान का कहना है कि इस वर्ष कुल 146 बच्चे पंजीकृत है और 89 बच्चों का पैसा आया है इसीलिए कुछ बच्चे बिना यूनिफार्म और जूते के विद्यालय आते है। प्राथमिक विद्यालय कपियवा में 131 बच्चे पंजीकृत हैं और 85 बच्चों का पैसा आया है। कपियवा प्रधानाध्यापक अभिषेक मणि त्रिपाठी का कहना है कि शेष बच्चों की रकम के लिए लिखा-पढ़ी को गई है।