फतेहपुर चौरासी (उन्नाव)। काजीपुर कच्छ में संचालित कंपोजिट स्कूल के प्रधान शिक्षक ने सरकारी स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। किताबी ज्ञान के साथ लैब में छात्र सीखें, इसके लिए कंप्यूटर और विज्ञान की लैब तैयार कराई है। छात्र यूनिफार्म और टाई बेल्ट लगाकर स्कूल आते हैं। उनका आईकार्ड भी जारी हुआ है। सबसे खास बात यह है कि शिक्षक ने यह बदलाव अपने वेतन से दो लाख रुपये खर्च कर किए हैं। शिक्षक का यह काम शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय है।
काजीपुर कच्छ कंपोजिट स्कूल कटरी क्षेत्र में संचालित है। एक अप्रैल 2020 को कुलदीप विमल ने प्रधान शिक्षक पद पर कार्यभार संभाला था। उस समय स्कूल की छात्र संख्या संख्या 45 थी। इसमें उच्च प्राथमिक स्कूल में 15 और प्राथमिक में छात्र संख्या 30 थी।
छात्रों की संख्या और स्कूल की स्थिति को उन्होंने चुनौती के रूप से स्वीकार किया। नियुक्ति लेने के 15 दिन तक उन्होंने माहौल को समझा। उसके बाद सुधार की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया। स्कूल समय के बाद छात्रों को एक घंटे अतिरिक्त पढ़ाया जाने लगा।
स्कूल में सुधार हो, छात्र किताबी ज्ञान के साथ लैब में कंप्यूटर शिक्षा और विज्ञान की जानकारी हासिल करें। इस पर काम शुरू किया। सुधार में खर्च का आकलन लगाकर अप्रैल 2021 में अपने वेतन से दो लाख रुपये निकाले। छात्रों की पढ़ाई के लिए आठ लैपटॉप, प्रोजेक्टर, इनवर्टर, साइंस लैब स्मार्ट टीवी के साथ फर्नीचर की व्यवस्था कराई। छात्रों के लिए आईकार्ड बनवाए।
स्कूल के आसपास हरा भरा रहे इसके लिए पेड़ लगवाए। बदलाव का असर यह रहा कि छात्र संख्या 188 पहुंच गई। इसमें उच्च प्राथमिक स्कूल में 112 और प्राथमिक में 76 का नामांकन है। छात्रों को पढ़ाने के लिए चार शिक्षक व दो शिक्षामित्र हैं।
गांव जाकर पढ़ाते हैं
छात्र स्काउट से जुड़ें। इसके लिए जुलाई 2020 में विभाग को पत्र लिखकर कक्षा आठ के छात्रों को स्काउट गाइड से जोड़ा। स्कूल बंद होने पर वह गांव जाकर बच्चों को भी पढ़ाते हैं। 15 अगस्त को एक से कक्षा आठ तक के एक छात्र व छात्रा जिसकी उपस्थिति सर्वाधिक थी उन्हें साइकिल देकर सम्मानित किया।