लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों के निलंबित शिक्षक यदि जांच में दोषमुक्त ठहराये जाते हैं तो उन्हें उसी स्कूल में तैनाती दी जाएगी, जिसमें वह निलंबन के समय तैनात थे। यदि शिक्षक जांच के बाद दंड के साथ बहाल किये जाएंगे तो उनकी तैनाती एनआइसी द्वारा विकसित साफ्टवेयर के माध्यम से आवंटित विद्यालय में की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश के अनुसार यदि शिक्षक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली, 1973 के अनुसार दंड संख्या-1 के साथ बहाल किया जाएगा तो उसे उसी ब्लाक के ऐसे विद्यालय में तैनाती दी जाएगी जहां शिक्षा का अधिकार मानकों के अनुसार कम शिक्षक हों। ऐसे अध्यापकों को आनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडम आधार पर विद्यालय आवंटित किया जाएगा। दंड संख्या-1 के तहत आरोपित अध्यापक की निंदा की जाती है। यदि शिक्षक को उप्र बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली के अनुसार दंड संख्या-2 से 6 तक के साथ बहाल किया जाता है तो उसे जिले के शून्य अध्यापक वाले स्कूल में तैनाती दी जाएगी। दंड संख्या 2 से 6 के अंतर्गत वेतन वृद्धि रोकने, निचले वेतनमान पर अवनत करने, वेतन से वसूली आदि शामिल हैं। शून्य अध्यापक वाले विद्यालय न होने की दशा में उन्हें एकल अध्यापक वाले स्कूल में तैनात किया जाएगा।