जमुनहा(बहराइच)। नेपाल सीमा के करीब स्थित स्कूलों का हाल बेहाल है। ऐसे में बदहाल स्कूल की शिक्षा देख कर एसएसबी ने बच्चों का भविष्य संवारने का वीणा उठाया है। प्रतिदिन चार जवान अध्यापक बन कर स्कूल में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं और बच्चों का शिक्षा स्तर बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
भारत नेपाल के सरहद पर बसा अंतिम ग्राम पंचायत ककरदरी स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। यहां पर कक्षा 6, 7, व 8 तक का क्लास है। जिसमे वर्तमान में 124 बच्चे नामांकित है। इनके लिए तीन अलग अलग क्लास रूम भी बने है। इतने बच्चों पर मात्र एक प्रधानाचार्य कमलेश कुमार वर्मा की ही नियुक्ति है। नतीजतन बच्चो की पढ़ाई प्रभावित रहती है। शिक्षा व्यवस्था की बुरी हालत की जानकारी मिलने पर ककरदरी सरहद पर तैनात सशस्त्रत्त् सीमा बल (एसएसबी) के कम्पनी कमाण्डर मनोहर सिंह ने अपने उच्चाधिकारियों को जानकारी दी और स्कूल की शिक्षा सुधारने में मदद की इच्छा जताई।
इस पर भिनगा स्थित 62वीं वाहिनी के कमांडेट रवीन्द्र कुमार राजेश्वरी ने बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया। निर्देश मिलने के बाद ककरदरी आउट पोस्ट की महिला कांस्टेबल शिवानी ठाकुर, दिसू पटेल, पुरुष कास्टेबल संदेश कुमार साहनी व रामलाल बोरा हर सुबह विद्यालय खुलने के साथ वहां पहुंच कर पूरे समय तक शिक्षक बनकर बच्चों का भविष्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं। एसएसबी के इस काम की प्रशंसा यहां के नागरिक भी कर रहे हैं।
रसोई न होने से क्लास रूम में बनता है भोजन
उच्च प्राथमिक स्कूल ककरदरी में रसोई घर का निर्माण नहीं कराया गया है। जिससे बच्चों के क्लास रूम में भोजन बनाया व खिलाया जाता है। जिससे इस विद्यालय में कक्षा 6 व 7 के छात्र-छात्राओ को एक ही क्लास में पठन पाठन के लिए बैठाया जाता है।
● बहराइच के प्राथमिक स्कूल ककरदरी में 124 बच्चों पर तैनात है एक शिक्षक