हैं। इसका मुख्य उद्देश्य प्रयोग आधारित शिक्षण की जानकारी देना है
-प्रभात मिश्रा, प्रशिक्षण प्रभारी, सीमैट
प्रयोग से बच्चों में बढ़ती है रचनात्मकता
अध्ययन से यह बात साबित हुई है कि साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एंड मैथ की प्रयोग आधारित पढ़ाई से बच्चों का ज्ञान बेहतर होता है और विषय के प्रति समझ बढ़ती है। जब बच्चे प्रयोग के जरिए विज्ञान के सूत्र समझते हैं तो उनमें रचनात्मकता बढ़ती है। बच्चे जब अपने हाथों से क्रियाशील मॉडल बनाते हैं तो उनमें विजेता होने का भाव जगता है।
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता यूपी के कक्षा छह से आठ तक के शिक्षकों को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एंड मैथ (स्टेम) पढ़ाने का तौर-तरीका पहली बार आईआईटी के विशेषज्ञ सिखाएंगे। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में सोमवार से शुरू हो रहे प्रशिक्षण के लिए आईआईटी गांधीनगर गुजरात के विशेषज्ञ आए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को प्रयोग आधारित शिक्षण की जानकारी देना है।
प्रदेश के 45 हजार से अधिक पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में लैब नहीं है। ऐसे में बच्चों तक विज्ञान आओ करके सीखे की अवधारणा नहीं पहुंच पा रही। सीमैट के निदेशक दिनेश सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों में प्रयोग आधारित शिक्षण के प्रति आत्मविश्वास जगाना है ताकि बच्चों की रुचि पढ़ाई में बनी रहे और उनके सीखने के स्तर में लगातार सुधार होता रहे।
सीमैट के प्रशिक्षण प्रभारी प्रभात मिश्रा ने बताया कि यह पहला मौका है जब आईआईटी के विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रशिक्षण देने आ रहे हैं। 13 से 28 फरवरी तक प्रदेशभर के 375 शिक्षकों, डायट प्रवक्ता, एसआरजी, एआरपी आदि को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा। बाद में ये मास्टर ट्रेनर अपने-अपने जिलों में सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे।