Ghazipur News: यूपी सरकार परिषदीय विद्यालयों के शिक्षा के स्तर को ऊपर करने के लिए लगातार काम कर रही है, जिसके लिए शासन स्तर से करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी और कर्मचारी सरकार कि इस मंशा पर लगातार पानी फेरते नजर आ रहे हैं.
ऐसा ही मामला परिषदीय स्कूल में चलने वाली परीक्षा में देखने को मिला है,, जहां पर छात्रों के जीवन से मजाक करते हुए 2023 की परीक्षा में 2022 के प्रश्न पत्र से सवाल आगे-पीछे करके प्रश्न पत्र दे दिया गया.
हैरानी की बात है दोनों सालों के प्रश्न पत्रों में सिर्फ इतना अंतर है कि दोनों पेपर के प्रश्न क्रमांक में ऊपर नीचे कर प्रश्न पत्र को बदल दिया गया है. ये सारा कारनामा डाइट के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा किया गया है, जबकि इस साल के प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए शासन की तरफ से लाखों रुपया खर्च किया गया था.
पिछले साल का प्रश्न पत्र इस बार भी दिया
शासन की लाख कोशिश और कवायदों के बावजूद बेसिक शिक्षा की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही, क्योंकि खुद विभागीय अधिकारी ही विभाग को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसका जीवंत उदहारण है बेसिक विभाग द्वारा कराई जा रही वार्षिक परीक्षा, जिसमें साल 2022 के पेपर के सवाल ऊपर नीचे करके 2023 का पेपर बना दिया गया.
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की वार्षिक परीक्षा सोमवार 20 मार्च से शुरू हुई. जिले के 2269 स्कूलों में परीक्षा दे रहे करीब 3 लाख छात्र को मिले प्रश्न पत्र का जब अवलोकन किया गया तो पता चला कि जो पेपर साल 2022 में आया था हुबहू वही पेपर इस बार भी आया है. बस प्रश्नों को ऊपर नीचे कर दिया गया है. जैसे सातवीं क्लास के इस इंग्लिश के पेपर को ही गौर से देखा जाए तो पता चलेगा कि कैसे पहले ही प्रश्न में सवालों को आगे पीछे किया गया है. वहीं 2022 में जो प्रश्न छठे नंबर पर था, 2023 में वो तीसरे नंबर पर है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि वार्षिक परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र डायट स्तर पर तैयार किया गया है. जहां तक वर्ष 2022 का हुबहू पेपर इस बार आने की बात है तो इसकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.