परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने, वहां आने वाले छात्र-छात्राओं को ठहराव कराने के लिए वहां की व्यवस्थाएं मुकम्मल की जा रही हैं। उसी के तहत चलाए जा रहे स्कूल कायाकल्प में जौनपुर जिला टॉप-10 में शामिल है। यहां 94 फीसदी काम 19 पैरामीटर पर कराए गए हैं। यही वजह है कि जिले का नाम प्रदेश की सूची में आठवें और मंडल में दूसरे नंबर पर है। टॉप टेन में शामिल वाराणसी जिला पांचवें स्थान पर है।
शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लिए जिले में कुल 2811 परिषदीय स्कूल संचालित होते हैं। इसमें से 2802 में कायाकल्प कराया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, 19 पैरामीटर पर कुल 94 फीसदी काम हुआ है। जो छह फीसदी बचा है वहां भी या तो काम चल रहा है या पूर्ण होने की स्थिति में हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो यहां पेयजल और ब्लैकबोर्ड पर सौ फीसदी काम हो चुका है। खुटहन के रूस्तमपुर, नेवढि़या के सागरडीह के प्रधानाध्यापकों ने बताया कि सभी पैरामीटर पर काम कराया गया है। सिंगरामऊ के हरिहरपुर में भी कायाकल्प के तहत स्कूल की तस्वीर बदल गई है।
इस पैरामीटर पर हुआ इतना काम
पीने के पानी के लिए 100 फीसदी काम हुआ है। इसी तरह बाल और बालिका शौचालय के लिए 99 फीसदी काम का दावा है। 94 फीसदी स्कूलों में रनिंग वॉटर और 97 फीसदी स्कूलों में टाइलीकरण का काम हो चुका है। दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय बनवाने का काम सुस्त है। इसमें महज 87 फीसदी ही काम हुआ है। हैंडवॉस यूनिट की व्यवस्था 96 फीसदी और कक्षा कक्षों के टाइल लगाने का काम 93 फीसदी हुआ है। किचन शेड, व्हाइटवाश और रैंप का काम 99 फीसदी में हो चुका है। विद्युतीकरण 99 में और कनेक्शन 91 फीसदी में हुआ है।
स्कूल कायाकल्प के तहत विद्यालयों की तस्वीर बदलने का प्रयास किया गया है। करीब 94 फीसदी काम हो चुका है। इसी की बदौलत जिले को आठवीं रैंक मिली है। जो काम बचे हैं उसे भी जल्द ही पूरा कराया जाएगा।-डॉ. गोरखनाथ पटेल, बीएसए