केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा है कि जेएनयू विविधता, संवेदनशीलता, समावेशिता, समानता, गुणवत्ता और सामर्थ्य के लिए जाना जाता है।
JNU अक्सर तमाम विवादों के चलते सुर्ख़ियों में बना रहता है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के एक बयान की खूब चर्चा हो रही है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छठे दीक्षांत समारोह में 948 रिसर्चर्स को डिग्रियां प्रदान की गईं, इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी हिस्सा लिया, जिसमें बोलते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने JNU को लेकर भी अपनी राय जाहिर की है।
क्या बोले धर्मेंद्र प्रधान?
कार्यक्रम में बोलते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि JNU केवल विश्वविद्यालय नहीं है, बल्कि एक culture है। JNU जैसी विविधता, संवेदनशीलता, समता, quality, affordability और multi-diversity शायद ही किसी और विश्वविद्यालय में हो। भारत एक पुरातन सभ्यता है जिसकी पूँजी ज्ञान है। JNU हमारी ज्ञान-आधारित सभ्यता को आगे ले जाने का काम कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोग उनके इस बयान पर तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।
बता दें कि अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा है कि जेएनयू विविधता, संवेदनशीलता, समावेशिता, समानता, गुणवत्ता और सामर्थ्य के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि देश के हर जिले का बच्चा JNU पहुँचता हैं और जब यहां से निकलता है तो निर्मला सीतारमण बनकर निकलता है, जयशंकर बनकर निकलता है, ये जेएनयू की क्षमता है।