पांच दिन में जांची सवा करोड़ से अधिक कॉपी
● प्रदेशभर में 1,43,933 परीक्षकों की हुई है तैनाती
● बोर्ड के अफसर केंद्रों से लगातार बनाए हुए हैं संपर्क
केंद्रों पर शिक्षकों की तलाशी पर जताई आपत्ति
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन केंद्रों पर पुलिसकर्मियों तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा शिक्षकों की तलाशी लिए जाने पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने आपत्ति की है। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल को पत्र लिखकर पूर्व विधायक ने इस प्रकार के कृत्य तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि शिक्षक जिस पर राष्ट्र निर्माण का दायित्व है उसको संदिग्ध माना जा रहा है। छात्रों की तरह शिक्षकों की तलाशी अत्यंत निंदनीय और अपमानजनक कार्य है। इसे तत्काल बंद किया जाए अन्यथा की स्थिति में संघ को आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा।
जिले में जांची गईं पौने पांच लाख कॉपियां
प्रयागराज। जिले के दस केंद्रों पर पौने पांच लाख कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है। जीआईसी, जीजीआईसी, कुलभाष्कर, केसर विद्यापीठ, एंग्लो बंगाली, भारत स्काउट एवं गाइड, अग्रसेन, सीएवी, केपी और क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में 12,17,208 उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आई हैं। इनमें से 4,76,988 कॉपियां बुधवार तक जांची जा चुकी हैं।
प्रयागराज, । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कॉपियों के मूल्यांकन के पांचवें दिन बुधवार तक सवा करोड़ से अधिक कॉपियां जांची जा चुकी हैं। जिस गति से मूल्यांकन कार्य चल रहा है, उसमें समय से पहले मूल्यांकन पूरा होने की उम्मीद है। मूल्यांकन कार्य एक अप्रैल तक चलना है और अभी दो करोड़ कापियां जांची जानी बाकी हैं। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल का कहना है कि अभी मूल्यांकन के लिए नौ दिन और शेष हैं। बोर्ड का प्रयास है कि कॉपियों का मूल्यांकन निर्धारित अवधि के भीतर हर हाल में हो जाए। बोर्ड के अफसर इस दिशा में सतत प्रयत्नशील हैं।
सचिव का दावा है कि इस बार का प्रशिक्षण मॉड्यूल कारगर रहा। प्रशिक्षण की वजह से कॉपी जांचने में परीक्षकों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही है। बोर्ड ने कॉपियों के मूल्यांकन के लिए प्रदेशभर में 1,43,933 परीक्षकों की तैनाती की है। इसके अतिरिक्त रिजर्व परीक्षक भी रखे गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों पर पहली बार नियुक्त स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी दिनभर रहकर उपप्रधान परीक्षकों को रैंडम तरीके से कॉपियों का बंडल वितरित कर रहे हैं। बोर्ड के अधिकारियों ने निर्धारित समय के पहले कॉपियों के मूल्यांकन की उम्मीद जताई है।