प्रयागराज। नए शिक्षा सेवा आयोग के गठन के इंतजार में प्रदेश भर में शिक्षक भर्ती ठप पड़ी है। ऐसे में नए सत्र की शुरुआत में प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों, अशासकीय विद्यालयों और राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी रहेगी और पठन-पाठन की प्रक्रिया प्रभावित होगी।
अशासकीय सहायता महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूरी हो चुकी है। आयोग अध्यक्ष विहीन है। सदस्यों के छह में से चार पद खाली हैं और भर्ती प्रक्रिया अटकी पड़ी है। सहायक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) पदों पर भर्ती की भी है।
टीजीटी-पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए भी आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूरी हो चुकी है। 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं, लेकिन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भी अध्यक्ष विहीन है और सदस्यों के सभी 10 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में टीजीटी-पीजीट भर्ती प्रक्रिया भी ठप पड़ी हुई है। वहीं, राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक के तकरीबन छह हजार पद खाली होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को महीनों पहले रिक्त पदों का अधियाचन मिल प्राप्त चुका है, लेकिन शासन स्तर से समकक्ष अर्हता पर स्थिति स्पष्ट न किए जाने के कारण यह भर्ती भी फंसी हुई है।
परिषदीय विद्यालयों में भी वर्ष 2018 के बाद कोई भर्ती नहीं हुई है। परिषदीय विद्यालयों में नया सत्र शुरू हो गया है, लेकिन शिक्षक भर्ती का कोई अतापता नहीं।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय और प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में अध्यक्ष के पद रिक्त पड़े हैं। इन पदों पर न तो नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई और न ही शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया। संवाद