बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों के प्रमोशन की कार्यवाही हवाहवाई दिखाई पड़ रही है। डेडलाइन बीतने के बावजूद एक तिहाई जिलों ने अनन्तिम वरिष्ठता सूची ही जारी नहीं की है। ऐसे में सभी जिलों में 25 अप्रैल तक पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी होना नामुमकिन दिख रहा है।
सचिव प्रताप सिंह बघेल ने वेबसाइट www.basicparishad.upsdc.gov.in पर जारी अनन्तिम वरिष्ठता सूची पर शिक्षकों से पांच से 11 अप्रैल तक आपत्ति करने के निर्देश दिए थे। डेडलाइन बीतने के बावजूद 75 में से 51 जिले ही शिक्षकों की अनन्तिम वरिष्ठता सूची अपलोड कर सके हैं।
इन 51 में से भी बलरामपुर, हापुड़ और कानपुर देहात ऐसे हैं जिन्होंने पांच अप्रैल के बाद अनन्तिम वरिष्ठता लिस्ट अपलोड की है। पांच से 11 अप्रैल तक ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करने के लिए शिक्षकों को ओटीपी मिलनी थी लेकिन ओटीपी ही दस अप्रैल से मिलना शुरू हुई है। यानि अधिकांश शिक्षक ऑनलाइन आपत्ति ही दर्ज नहीं कर सके हैं।
जबकि आपत्ति का निस्तारण 12 से 15 अप्रैल तक करना है। ऐसे में जब आपत्ति लेने और निस्तारण की प्रक्रिया ही नहीं हो सकी है तो प्रमोशन की बात तो बहुत दूर की है।
सात बार मांगी सूची, फिर भी रह गई अधूरी
सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सबसे पहले 31 जनवरी को पदोन्नति का आदेश जारी किया था जिसमें 20 फरवरी तक अनन्तिम वरिष्ठता सूची जारी करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद 27 फरवरी, 6 मार्च, 13 मार्च, 16 मार्च, 21 मार्च और 4 अप्रैल तक लिस्ट जारी करने का मौका दिया गया, लेकिन उसके बावजूद 24 जिले लिस्ट जारी नहीं कर सके हैं।
प्रमोशन में आचार संहिता का भी फंसेगा पेच
शिक्षकों के प्रमोशन में नगर निकाय चुनाव की आचार संहिता भी बाधा बनेगी। जानकारों की मानें तो बेसिक शिक्षा विभाग को पदोन्नति आदेश जारी करने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।