सहायक आचार्यों की भर्ती के मामले में एनसीटीई की ओर से निर्धारित न्यूनतम योग्यता को सही मानने के एकल पीठ के फैसले को उच्चत्तर शिक्षा सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने सहायक आचार्य के 75 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें यूजीसी के रेगुलेशन 2018 के अनुसार एमएड अथवा शिक्षाशास्त्र में परास्नातक को भी अर्ह माना गया था। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो उसने यूजीसी की बजाय एनसीटीई द्वारा निर्धारित योग्यता को वरियता दी। हाईकोर्ट ने कहा था एनसीटीई का गठन विषेष अधिनियम के तहत हुआ है।
उच्चत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग को न्यूनतम योग्यता में परिवर्तन करने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने बीएड विषय का फिर से विज्ञापन फिर से प्रकाशित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने प्रभावित अभ्यर्थियों की फीस दो सप्ताह के भीतर वापस करने को कहा था। आयोग ने एकल पीठ के इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।