इतिहास की किताबों से मुगल साम्राज्य के अध्याय हटाए जाने के मुद्दे पर मंगलवार को एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, किताबों से मुगलों से संबंधित सभी अध्याय नहीं हटाए हैं। सिर्फ उन चीजों को हटाया गया है जिनको पढ़ना बहुत जरूरी नहीं था। केवल इतिहास ही नहीं, अन्य विषयों का सिलेबस भी कम किया गया है।
सकलानी ने कहा कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण पूरे देश और समाज से यह महसूस किया गया कि बच्चों का पढ़ाई का बोझ कुछ कम किया जाना चाहिए। इसके लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई गई। इसने कक्षा छह से 12 तक की किताबों की जांच की। उन्होंने सिफारिश की थी कि यदि 12वीं की इतिहास की पुस्तक से मुगलों से जुड़ा एक अध्याय हटा दें तो इससे ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सकलानी ने कहा, विशेषज्ञों ने यह महसूस किया था कि राजाओं के बारे में जानकारी देने की बजाय मुगलों के किए गए बेहतर कामों के बारे में बच्चों को जानना चाहिए।