सरकार ने उम्मीद के अनुसार छोटी बचत पर ब्याज दरों में बड़ा इजाफा करने का फैसला किया है। इसके तहत डाकघर की विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर 0.10 से 0.7 फीसदी तक बढ़ा दी गई हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई और बैंकों की ओर से एफडी पर ऊंची दर की पेशकश से छोटी बचत का आकर्षण बढ़ेगा। बैंक एफडी पर ऊंचे ब्याज को देखते हुए विशेषज्ञ छोटी बचत पर दरें बढ़ने की उम्मीद जता रहे थे। मौजूदा तिमाही के लिए पिछले साल दिसंबर के आखिर में कुछ योजनाओं की ब्याज दरों में वृद्धि की गई थी।
ब्याज में सबसे ज्यादा वृद्धि राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र में की गई है। इसपर एक अप्रैल से 7.7 ब्याज मिलेगा जो अब तक सात प्रतिशत था। किसान विकास पत्र 7.6 किया गया है। किसान विकास पत्र अब 120 के बजाए 115 महीनों में परिपक्व होगा।
पीपीएफ और बचत खाता पर दरें स्थिर
छोटी बचत की ज्यादातर योजनाओं में ब्याज दरों में बड़ी वृद्धि के बावजूद डाकघर के बचत खाता और सार्वजनिक भविष्य निधि यानी पीपीएफ के निवेशकों को निराशा हाथ लगी है क्योंकि इनकी दरों में इजाफा नहीं किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीपीएफ पर ब्याज दरों वृद्धि करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि बैंक भी इसकी सुविधा देते हैं.
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