प्रयागराज । शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपी टीईटी 2021 को हुए 15 माह का वक्त बीतने के बाद भी सफल अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र नहीं मिल सका है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की तरफ से पिछले 23 जनवरी 2022 को प्रदेश में टीईटी का आयोजन किया गया था। जबकि आठ अप्रैल को परिणाम भी जारी कर दिया गया। इसमें 660582 अभ्यर्थी पास हुए थे, लेकिन प्रमाणपत्र वितरण के पहले ही डीएलएड के कुछ अभ्यर्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसी वजह से टीईटी प्रमाणपत्र आठ महीने से अधिक बीतने के बाद भी जारी नहीं हो सका।
डीएलएड अभ्यर्थियों का कहना है कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारी अर्ह नहीं है, इसलिए उन्हें प्राथमिक स्तर का टीईटी प्रमाणपत्र नहीं दिया जाना चाहिए। राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्तर की शिक्षक भर्ती के लिए अर्ह नहीं माना था। इसको लेकर दायर याचिका सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन है। सितंबर में बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने प्रमाणपत्र बांटने की तैयारी की थी, लेकिन प्रमाणपत्र वितरण कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक टाल दिया गया है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की तरफ से 23 जनवरी 2022 को आयोजित प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए 12,91,628 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। परीक्षा में 11,47,090 अभ्यर्थी शामिल हुए। इनमें से 4,43,598 यानी करीब 39 फीसदी पास हुए। वहीं उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए 8,73,553 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और 7,65,921 परीक्षा में बैठे। इनमें से 2,16,994 यानी 28 फीसदी के करीब सफल हुए थे। संवाद
पेपर लीक होने के कारण निरस्त हो चुकी थी परीक्षाः कोरोना के कारण 2020 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ था। इसके बाद 2021 में टीईटी 28 नवंबर को आयोजित हुई, लेकिन पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त हो गई। इसके बाद 23 जनवरी 2022 को परीक्षा का फिर से आयोजन हुआ और परिणाम भी जारी हो गया। उसके बाद भी बीएड-डीएलएड को लेकर फंसे मामले के कारण प्रमाणपत्र वितरण अभी तक अटका हुआ है।