सिद्धार्थनगर : परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षक नियुक्ति का मास्टरमाइंड देवरिया जनपद के कुईंवर निवासी राकेश सिंह पुत्र जगदीश सिंह को बीएसए ने फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने के आरोप में सोमवार को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही खंड शिक्षाधिकारी बढ़नी को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। पिछले वर्ष पुलिस ने सिंह पर गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए कुर्की की कार्रवाई कर चुकी है।
बर्खास्त किये गए शिक्षक राकेश गया है। सिंह की पहली तैनाती 29 सितम्बर 2009 में प्राथमिक विद्यालय कठेला ग्रांट विकास खंड इटवा में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। बाद में उसका स्थानांतरण बढ़नी विकास खंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खड़कुईयां नानकार में हो गया। वहां उसे बतौर प्रधानाध्यापक तैनाती मिली। उसके शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच एसटीएफ कर रही थी। एसटीएफ ने बीएसए को भेजे गए पत्र में पिछले दिनों कहा था कि सिंह ने वर्ष 2005 में उत्तीर्ण बीएड का प्रमाण पत्र फर्जी है। बीएसए ने निलंबित चल रहे शिक्षक को नोटिस देते हुए जवाब मांगा था। शिक्षक ने विभाग को गुमराह करते हुए शैक्षणिक दस्तावेज को सही बताया। इसके पश्चात बीएसए की ओर से करायी गयी जांच में भी दस्तावेज का फर्जी होना पाया गया। जवाब से संतुष्ट न होने पर बीएसए ने सिंह को नियुक्ति तिथि से बर्खास्त कर दिया।
आय से अधिक की मिल चुकी है संपति
बर्खास्त किये गए फर्जी शिक्षक सिंह के संपत्ति की जांच जनपद पुलिस ने की थी। जांच रिपोर्ट में पिछले वर्ष सितंबर 2009 से अप्रैल 2022 तक बतौर शिक्षक राकेश कुमार सिंह ने वेतन मद से 34.74 लाख रुपये कमाई होना बताया गया। इसके अलावा उसके पास आय का कोई स्रोत नहीं मिला था, जबकि अर्जित की गई संपत्ति 2.99 करोड़ रुपये से अधिक पायी गयी थी। इसके पश्चात पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई की थी। बर्खास्त किये गए फर्जी शिक्षक राकेश कुमार सिंह पर सिद्धार्थनगर सहित अन्य जनपदों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे तमाम लोगों को परिषदीय स्कूलों में शिक्षक पद पर नौकरी दिलाने का आरोप है। इस मामले में एसटीएफ गोरखपुर की टीम ने उसे पिछले वर्ष गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जांच एजेंसियां उसे भर्ती में हुए फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड मानती हैं।