प्रयागराज। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की ओर से शैक्षिक सत्र 2023-24 के पाठ्यक्रम में की गई कटौती का असर छात्र-छात्राओं की मेडिकल और इंजीनियरिंग समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर भी पड़ेगा। सीबीएसई और यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं की 12वीं रसायन विज्ञान की किताब से छह अध्यायों ठोस अवस्था, पृष्ठ रसायन, तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत, पी ब्लॉक के तत्व, बहुलक व दैनिक जीवन में रसायन को हटा दिया है।
12वीं जीव विज्ञान की किताब से जीवों में जनन, खाद्य पदार्थों में वृद्धि की कार्यनीति व पर्यावरण के मुद्दे पूरा हटाया गया है, जबकि जीव और समष्टियों व पारितंत्र के कुछ टॉपिक हटाए गए हैं। 11वीं जीव विज्ञान से पौधों में परिवहन, खनिज पोषण और पाचन एवं अवशोषण पूरे पाठ, जबकि जीव जगत, वनस्पति जगत, पुष्पी पादपों की आकारिकी व शरीर, प्राणियों में संरचनात्मक संगठन, जैव अणु, पादप वृद्धि एवं परिवर्धन एवं तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय से कुछ अंश हटाए गए हैं।
वहीं 11वीं रसायन विज्ञान की पुस्तक से पदार्थ की अवस्थाएं हाइड्रोजन, एस ब्लॉक के तत्व, पी ब्लॉक के तत्व व पर्यावरणीय रसायन को बाहर किया गया है। गणित एवं भौतिक विज्ञान के पाठ से भी काफी अंश को हटाया गया है।
कोर्स में होता तो स्कूल में ही पढ़ लेते गरीब बच्चे विशेषज्ञों की मानें तो इस कटौती से मेडिकल की नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट), इंजीनियरिंग की ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी पर असर पड़ेगा। क्योंकि इन परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में ये पाठ शामिल हैं। उन छात्रों के डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना पूरे होने में अड़चन आएगी जो कोचिंग की फीस नहीं चुका सकते और सिर्फ स्कूल की पढ़ाई पर आश्रित हैं। पाठ्यक्रम से बाहर होने पर स्कूल में इन टॉपिक्स की पढ़ाई नहीं होगी और ऐसे बच्चों की मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफलता की गुंजाइश कम होने की आशंका बढ़ेगी।
नई पीढ़ी को विरासत से परिचित कराना चाहते हैं
एनसीईआरटी 12वीं की इतिहास की पाठ्यपुस्तक से मुगल दरबार का इतिहास अध्याय हटाए जाने पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि है हमारी संस्कृति हमारी विरासत है। हम अपनी नई पीढ़ी को सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना चाहते हैं। पुराने काल में हमारी संस्कृति से लोगों को वंचित किया जा रहा था, हम अपनी असली संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।
12वीं रसायन विज्ञान से जिन छह अध्यायों को हटाया गया है वह नीट-जेईई के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। कक्षा 12 में अध्ययन कर रहे और मेडिकल-इंजीनियरिंग में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को अब कोचिंग का सहारा बचेगा। दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्र के गरीब छात्र जो कोचिंग नहीं कर पाएंगे उनके लिए नीट-जेईई केवल सपना बनकर रह जाएगा। इन पाठों को हटाना पूरी तरह से अवैज्ञानिक है। डॉ. आरडी शुक्ल, राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित राजकीय अभिनव विद्यालय दांदूपुर के प्रधानाचार्य