आंगनबाड़ी केंद्र पर ‘बाल पिटारा एप से हो रही आनलाइन पढ़ाई से नन्हे-मुन्नों बच्चों का शिक्षा के प्रति रूझान को बढ़ा है। इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। साथ ही यह एप उनकी शिक्षा के लिए वरदान साबित हो रहा है। आगनबाड़ी केंद्रों पर बाल पिटारा एप से बच्चों को कविता, कहानी, भावगीत आदि के माध्यम से ज्ञानवर्धक बातें सिखाई जाती हैं।
इस एप को अभिभावक अपने मोबाइल में भी अपलोड कर सकते हैं। इसके माध्यम से वह घर पर भी बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस तरह से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़ेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल फोन में इस एप को अपलोड कराने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तीन से छह वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों के योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए सितंबर 2022 में विभाग ने बाल पिटारा रेसपॉसिव पेरेंटिंग मोबाइल एप को शुरू किया।
बच्चों के अभिभावकों को जागरूक करने व उनकी परस्पर सहभागिता बढ़ाने के लिए बाल पिटारा एप में तीन माड्यूल विकसित किए गए हैं। परवरिश का पिटारा माड्यूल में 3-6 वर्ष के बच्चों में होने वाली बौद्धिक शारीरिक भाषा सामाजिक-भावनात्मक एवं रचनात्मक विकास की 384 गतिविधियों, 32 कहानियां एवं 32 कविताओं के वीडियो उपलब्ध है।
अभिभावक इस माड्यूल के माध्यम से वीडियो को देखकर स्वयं घर पर बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा की गतिविधियां सरलता से सिखा सकते है। यह माड्यूल अभिभावकों में रेसपॉंसिव पैरेन्टिंग के अभ्यास को प्रोत्साहित कर रहा है।