लखनऊ/प्रयागराज। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) पद पर चयनित शिक्षकों का समायोजन अब जिला विद्यालय निरीक्षक नहीं करेंगे।
शासन ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की 1998 की नियमावली में संशोधन करते हुए समायोजन का अधिकार माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दे दिया है। इससे समायोजन में तेजी आने, भ्रष्टाचार और विवाद दूर होने के साथ ही सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में मुकदमों की संख्या कम होने की उम्मीद है।
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) पद पर चयनित शिक्षकों का समायोजन अब जिला विद्यालय निरीक्षक नहीं करेंगे। शासन ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की 1998 की नियमावली में संशोधन करते हुए समायोजन का अधिकार माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दे दिया है। इससे समायोजन में तेजी आने, भ्रष्टाचार और विवाद दूर होने के साथ ही सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में मुकदमों की संख्या कम होने की उम्मीद है।
प्रमुख सचिव शासन दीपक कुमार ने नियमावली संशोधन का आदेश 31 मार्च को माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजा है। अब तक प्रबंधतंत्र शिक्षकों की तैनाती की सूचना डीआईओएस के माध्यम से चयन बोर्ड को देते थे लेकिन भविष्य में तैनाती की सूचना डीआईओएस के जरिए चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा निदेशक दोनों को दी जाएगी। जिन स्कूलों में नियुक्त अभ्यर्थी कार्यभार ग्रहण नहीं करता या अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होता वहां प्रबंधतंत्र के अनुरोध पर डीआईओएस प्रतीक्षा सूची से अभ्यर्थी को भेजते थे।
● प्रमुख सचिव माध्यमिक ने जारी किया आदेश कम होगी परेशानी
● पद रिक्त रहने पर प्रतीक्षा सूची से तैनाती देने का मिला अधिकार
अब चयन बोर्ड की ओर से उपलब्ध कराए गए अवशेष पैनल (कुल पदों के सापेक्ष 25 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची) से योग्यता क्रम में तैनाती के लिए प्रबंधतंत्र को अभ्यर्थी की संस्तुति माध्यमिक शिक्षा निदेशक करेंगे। इसके अलावा यदि कोई चयनित अभ्यर्थी रिक्त पद न होने या किसी अन्य कारण से आवंटित संस्था में कार्यभार ग्रहण नहीं कर सका है तो डीआईओएस किसी अन्य रिक्ति के सापेक्ष समायोजन के लिए चयन बोर्ड से संस्तुति करते थे। अब डीआईओएस उसी वर्ष प्रकाशित रिक्ति के सापेक्ष समायोजन की संस्तुति माध्यमिक शिक्षा निदेशक से करेंगे।