जिले के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को शत-प्रतिशत उपस्थिति के मद्देनजर चलाए जा रहे चेकिंग अभियान में अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया। साथ ऐसे शिक्षकों पर कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने नाराजगी जताते हुए बीएसए को नोटिस जारी कर सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया है।
बता दें प्रदेश में दिसंबर 2022 से मार्च 2023 के मध्य अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए गए लगभग 23.933 शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। जिनमें मात्र 10,417 शिक्षकों का विवरण ही अपलोड किया गया है जबकि स्पष्ट निर्देशों के बावजूद 13516 शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का विवरण पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। साथ ही यह भी पाया गया है कि 33 खंड शिक्षा अधिकारियों ने 136 स्कूलों का कई बार निरीक्षण किया गया और इन विद्यालयों में एक भी शिक्षक अनुपस्थित नहीं पाया गया, जोकि वास्तविकता से परे प्रतीत होता है। इसी प्रकार विभागीय अधिकारियों ने विगत चार माह में 3801 स्कूलों का दौरा किया गया। जिसमें एक भी शिक्षक अनुपस्थित नहीं पाया गया। वहीं बीईओ व बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने 5762 स्कूलों का नियम विरुद्ध चार से आठ बार एक ही स्कूल का निरीक्षण किया गया। जिसके फलस्वरूप अन्य विद्यालयों का निरीक्षण नहीं हो पाया। समीक्षा बैठक में खामियां मिलने पर महानिदेशक का पारा गरम हो गया। उन्होंने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाई है। साथ ही ऐसे विद्यालयों का निरीक्षण करने की हिदायत दी, जिनका एक भी बार निरीक्षण नहीं हुआ है।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि बीएसए यह सुनिश्चित करें कि निरीक्षणकर्ता अधिकारी अलग- अलग स्कूलों का भ्रमण करें। वहीं जनपद में निरीक्षण के दौरान कई शिक्षकों के अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई न करने पर महानिदेशक ने बीएसए रिद्धी पांडेय से सात दिवस के अंदर अपना लिखित स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए सभी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का विवरण तत्काल पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। अन्यथा बीएसए व संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी का वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।