बेसिक शिक्षा विभाग की मध्यान्ह भोजन योजना को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहे हैं। कभी भोजन की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते हैं तो अभी उसकी मात्रा को लेकर। अब इसी योजना का एक और वीडियो सामने आया है। यूपी के सोनभद्र जिले से जुड़े इस वीडियो में बच्चे विद्यालय में बने मिड डे मील को खाने की बजाय कूड़े में फेंक रहे हैं। वायरल वीडियो को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। हालांकि विभाग की दलील अलग है।
सोशल मीडिया में वायरल हो रहा यह वीडियो सदर (रॉबर्ट्सगंज) ब्लॉक के बेलछ रुधौली गांव के कंपोजिट विद्यालय का है। वीडियो में विद्यालय के बच्चे अपनी थाली में लिया भोजन एक डब्बे में डाल रहे हैं। वीडियो में जल्दी-जल्दी फेंको की आवाज भी आ रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह भोजन फेंकने के पीछे कोई तो वजह जरूर होगी। एक महिला कह रही है कि लौकी में जहर है या किसी और चीज में। मैं जब भोजन करने लगी तो उसका स्वाद कड़वा होने पर बच्चों का डांटा।
उसके साथ मौजूद पुरुष सहानुभूति जताते हुए कह रहा है कि आज बच्चे भोजन नहीं कर पाए। बहरहाल, वीडियो वायरल होने के बाद इसकी सच्चाई का पता लगाया गया तो मामला कुछ और ही निकला। प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिमा सिंह ने बताया कि पहले भोजन की व्यवस्था ग्राम प्रधान के जिम्मे थी। उनकी व्यस्तता के कारण आपसी सहमति से पिछले एक माह से वह भोजन बनवा रही हैं। सोमवार को भोजन में चावल और लौकी की सब्जी बनी थी। बच्चे खाना खाने लगे तो लौकी का स्वाद काफी कड़वा था। तीतलौकी (कड़वा लौकी) होने के कारण स्वाद खराब हो गया था। इसलिए भोजन को फेंकवा दिया गया। किसी ने इसी का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। बताया कि बाद में सोयाबीन की सब्जी बनवाकर बच्चों को खाना खिलाया गया। सभी बच्चों ने खाना भी खाया। भोजन में मिलावट या अन्य तरह की बातें बेबुनियाद हैं। उन्होंने प्रधान को भी सूचना दी है, लेकिन निजी व्यस्तता के कारण वह आ नहीं सके। उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है।
खाने में बनी सब्जी की क्वालिटी खराब होने की वजह से खाना फेंका जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद से बीएसए ने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
सोनभद्र। बेसिक शिक्षा विभाग की मध्याह्न भोजन योजना को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहे हैं। कभी भोजन की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते हैं तो कभी उसकी मात्रा को लेकर। अब इसी योजना का एक और वीडियो सामने आया है। जिले के सदर ब्लाक से जुड़े इस वीडियो में बच्चे विद्यालय में बने मिड-डे मील को खाने की बजाय कूड़े में फेंक रहे हैं। वायरल वीडियो को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। हालांकि विभाग की दलील अलग है।
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सोशल मीडिया में वायरल हो रहा यह वीडियो सदर (रॉबर्ट्सगंज) ब्लॉक के बेलछ रुदौली गांव के कंपोजिट विद्यालय का है। वीडियो में विद्यालय के बच्चे अपनी थाली में लिया भोजन एक डब्बे में डाल रहे हैं। वीडियो में जल्दी-जल्दी फेंकों की आवाज भी आ रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह भोजन फेंकने के पीछे कोई तो वजह जरूर होगी। एक महिला लौकी की सब्जी में कुछ मिला होने की बात करते हुए कह रही है कि मैं जब भोजन करने लगी तो उसका स्वाद अलग लगने पर बच्चों का डांटा था। उसके साथ मौजूद पुरुष कह रहा है कि आज बच्चे भोजन नहीं कर पाए। बहरहाल, वीडियो वायरल होने के बाद इसकी सच्चाई का पता लगाया गया तो मामला कुछ और ही निकला। प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिमा सिंह ने बताया कि पहले भोजन की व्यवस्था ग्राम प्रधान के जिम्मे थी। उनकी व्यस्तता के कारण आपसी सहमति से पिछले एक माह से विद्यालय के माध्यम से भोजन बनवाया जा रहा है। सोमवार को भोजन में चावल और लौकी की सब्जी बनी थी। बच्चे खाना खाने लगे तो लौकी का स्वाद काफी कड़वा था। तीखी लौकी (तितलौकी) होने के कारण स्वाद खराब हो गया था। इसलिए भोजन को फेंकवा दिया गया। किसी ने इसी का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। बताया कि बाद में सोयाबीन की सब्जी बनवाकर बच्चों को खाना खिलाया गया। सभी बच्चों ने खाना भी खाया। भोजन में मिलावट या अन्य तरह की बातें बेबुनियाद हैं। उन्होंने प्रधान को भी सूचना दी है। उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है। वहीं ग्राम प्रधान श्याम लाल ने बताया कि बच्चों के भोजन फेंकने की सूचना मिली है, लेकिन मामले की पूरी जानकारी नहीं है। घर में मांगलिक कार्यक्रम होने के कारण उसकी व्यस्तता से स्कूल नहीं जा पाया। जानकारी ली जाएगी।
मामला संज्ञान में आया है। लौकी कड़वी होने के कारण उसकी सब्जी बच्चों ने नहीं खाई। बाद में दोबारा सोयाबीन की सब्जी बनवाकर उन्हें भोजन कराया गया। फिलहाल इसकी जांच कराई जा रही है। – हरिवंश कुमार, बीएसए।