लखनऊः विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का पूरा डेटा प्रेरणा ऐप पर फीड होता है। इसमें राजधानी समेत प्रदेश के प्रत्येक बच्चे का पूरा डेटा शिक्षक अपडेट करते हैं। इसी के आधार पर डायरेक्ट वेनिफीशरी वेनिफिट (डीवीटी) के माध्यम से अभिभावकों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है। वहीं, नए सत्र से बच्चों के नाम, पता व आधार नंवर के साथ अभिभावकों को राशन कार्ड नंबर भी दर्ज करवाना होगा। प्रेरणा ऐप पर राशन कार्ड नंबर दर्ज करने के लिए अलग से कॉलम भी बनाया गया है।
वेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताविक प्रत्येक बच्चे का व्योरा रखने के लिए प्रेरणा ऐप का इस्तेमाल होता है। इसमें बच्चे के साथ ही माता-पिता का नाम, आधार नंबर, पता, जाति, पिन कोड और खाते का व्योरा भरा जाता है। अब इसमें राशन कार्ड नंबर का भी कॉलम जोड़ा गया है। अधिकारियों के अनुसार लखनऊ समेत वारावंकी, वड़ौत, बुलंदशहर समेत कई शहरों में राशन कार्ड का नंबर दर्ज करवाने में दिक्कतों की शिकायतें मिली हैं। इसे देखते हुए राशन कार्ड नहीं होने की स्थिति में अभिभावकों को बनवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद से अभिभावक कार्ड वनवाने के लिए आपूर्ति विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं, वीएसए अरुण कुमार के अनुसार डेटा अपलोड करने के लिए बच्चों के अभिभावकों से राशन कार्ड नंबर मांगा जा रहा है। हालांकि, यह अनिवार्य नहीं है। कार्ड नहीं होने की स्थिति में शिक्षकों को बच्चों का वाकी व्योरा भरने के निर्देश दिए गए हैं। ऐप पर राशन कार्ड का नंबर डाले विना भी डेटा अपलोड हो रहा है.
बच्चों का डेटा फीड करने के लिए राशन कार्ड नंबर अनिवार्य नहीं है। लखनऊ समेत कई शहरों से शिकायतें मिलने के बाद राशन कार्ड नंबर छोड़कर बाकी डेटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।
- श्याम किशोर तिवारी, एडी बेसिक शिक्षा परिषद