निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब एवं वंचित वर्ग के 2674 बच्चों को इस सत्र में दो चरणों में निजी स्कूलों की 2674 सीटें आवंटित हो चुकी हैं। पहले चरण में आवंटित 1624 सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, जबकि दूसरे चरण में आवंटित 1010 सीटों पर प्रवेश होना बाकी है। बच्चों का दाखिला तो हो जा रहा है, लेकिन किताबों के लिए हर साल प्रत्येक बच्चे को सरकार से मिलने वाली पांच हजार की राशि नियमित नहीं मिल रही।
प्रयागराज में 2021-22 और 2022-23 सत्र के अलावा 2019-20 सत्र के लिए किताबों के मद में बजट नहीं मिल सका है। जो छात्र संख्या के आधार पर करोड़ों में है। पिछले चार सालों में सिर्फ 2020-21 सत्र के लिए बजट मिला था। निजी स्कूलों को फीस का भुगतान भी नियमित नहीं हो पाता। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी का कहना है कि शासन के निर्देश पर मांगपत्र भेजा गया है। जल्द बजट आवंटित होने की उम्मीद है।
तीसरे चरण में 12 मई तक करें आवेदन
प्रयागराज। आरटीई के तहत वंचित वर्ग के बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले के लिए तीसरे चरण के आवेदन 12 मई तक लिए जाएंगे। पहले चरण में 4472 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था जिनमें से 1834 निरस्त हो गए। 1624 बच्चों को सीट आवंटित की गई। 1014 बच्चों को स्कूल में सीट फुल होने या उनका न मिलने के कारण प्रवेश नहीं मिल सका। इसी प्रकार दूसरे चरण में 2317 आवेदन में से 920 अस्वीकृत हो गए। 1010 बच्चों को सीट आवंटित हुई और 386 बच्चे वंचित रह गए।
● आरटीई के तहत वंचित वर्ग के बच्चों को सहूलियत का इंतजार
● हर साल किताब के लिए मिलते हैं पांच हजार रुपये