उरई। छात्र सत्यापन में लापरवाही बरतने वाले 18 परिषदीय स्कूल के प्रधानाध्यापकों समेत पूरे स्टाफ का वेतन रोककर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही तीन दिन के अंदर सत्यापन का काम पूरा करने की हिदायत दी है। यह सभी विद्यालय कुठौंद विकासखंड के हैं।
कुठौंद ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय मिहौना, कंपोजिट विद्यालय भदेख, कंपोजिट विद्यालय मदनेपुर, कंपोजिट विद्यालय नीमगांव, आदर्श जूनियर हाईस्कूल प्राथमिक विद्यालय जमलापुर, प्राइमरी स्कूल सुरावली, कंपोजिट विद्यालय छानी अहीर, कंपोजिट विद्यालय कुरेपुरा कनार, प्राइमरी स्कूल जखा, प्राइमरी स्कूल लालपुर, प्राइमरी स्कूल कुठीला, प्राइमरी स्कूल बिजुआपुर मुस्तिकल, उच्च प्राथमिक विद्यालय खेड़ा मुस्तिकल, प्राइमरी स्कूल करमुखा, प्राइमरी स्कूल महपौली, प्राइमरी स्कूल करमुखा, प्राइमरी स्कूल रूरा जैतिया, उच्च प्राथमिक विद्यालय ऊमरी खुर्द के प्रधानाध्यापक समेत सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों ने डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के अंतर्गत छात्रों के सत्यापन के काम में लापरवाही बरती।
बीएसए सचिन कुमार ने बताया कि इन स्कूलों के स्टाफ को कई बार चेतावनी भी जारी की जा चुकी थी। बार बार आदेशों की अवहेलना करने पर खंड शिक्षा अधिकारी कुठौंद की रिपोर्ट के आधार पर सभी 18 स्कूलों के पूरे स्टाफ का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। साथ ही स्टाफ के हिदायत दी गई है कि छात्र सत्यापन का काम तीन दिन के भीतर पूरा कर लें। यह पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।