केंद्र सरकार ने डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब कोई भी शख्स यदि डाकघर की बचत योजनाओं में 10 लाख रुपये से अधिक का निवेश करता है तो उसे धन के स्रोत या आय का प्रमाण देना होगा।
डाक विभाग ने इस संबंध में हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें निवेशकों के लिए केवाईसी यानी ‘अपने ग्राहक को जानें’ प्रावधानों को सख्त किया गया है। डाक विभाग ने सभी डाकघरों को निर्देश जारी कर कहा है कि कुछ श्रेणियों की छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों से आय का प्रमाण अनिवार्य रूप से लें।
इसलिए हुआ बदलाव सरकार ने यह बदलाव धनशोधन निवारण और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए किया है। केवाईसी के नए प्रावधानों में डाक विभाग ने निवेश जोखिम के आधार निवेशकों को तीन श्रेणियों में बांटा है। निवशेकों को अब पैन और आधार कार्ड भी देना होगा।
नई केवाईसी होगी निवेशकों को अपनी जोखिम श्रेणी के आधार पर कुछ अंतराल पर केवाईसी की प्रक्रिया को फिर से पूरा करना होगा। उच्च जोखिम वाले निवेशकों को हर दो साल में, मध्यम श्रेणी वालों को पांच और कम जोखिम वाले निवेशकों को हर सात साल में केवाईसी करानी होगी।
इसी तरह 50 हजार रुपये से ज्यादा लेकिन 10 लाख रुपये से कम रकम के साथ खाता खुलवाने वाले निवेशक को मध्यम जोखिम वाली श्रेणी में रखा जाएगा। सभी योजनाओं को मिलाकर लेनदेन 10 लाख रुपये से कम होना चाहिए।
ये दस्तावेज जमा करने होंगे
● बैंक या डाकघर खाते का विवरण, जो धन के स्रोत को दर्शाता हो ● पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान दाखिल की गई आयकर रिटर्न ● उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र/सेल या गिफ्ट डीड/ वसीयत की कॉपी ● आधार और पैन कार्ड। दो फोटोग्राफ।