लखनऊ। प्रदेश में मानसून की बारिश का सिलसिला और बढ़ने के आसार हैं। इसको देखते हुए किसानों को सलाह दी गई है कि आगामी सप्ताह में धान की पौंध को नर्सरी में खैरा रोग का प्रकोप होने पर नियंत्रण के लिए पांच किग्रा जिंक सल्फेट को 2.5 किग्रा यूरिया के साथ 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। उसके बाद यदि लक्षण दिखाई दे तो 10 से 15 दिन बाद पुन छिड़काव करें। जिन किसानों ने अभी तक नर्सरी नहीं डाली है, वह धान की सीधी बुवाई करें।
ड्रम सीडर द्वारा धान की सीधी बुवाई के लिए किस्मों नरेन्द्र- 97 मालवीय धान-2 नरेन्द्र- 359 तथा सरजू-52 की बुवाई 50 से 55 कि.ग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर की दर से करें।
किसानों को यह सलाह उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के फसल मौसम सतर्कता समूह बैठक में शामित विशेषज्ञों ने दी है। किसानों से कहा गया है कि मक्का की मध्यम अवधि की संकर किस्मों यथा दकन- 107, मालवीय संकर मक्का-2 प्रो-303 (3461) के एच 9451, के एच-510 एमएमएच – 69. बायो-9637 बायो-9682 एवं संकुल प्रजातियों नवजोत पूसा कम्पोजिट – 2 श्वेता सफेद नवीन की बुवाई करें। पूर्व से बोये गए मक्का में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।