,लखनऊ:एकेटीयू ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने का फैसला लिया है। वास्तुकला (आर्किटेक्टर) योजना संकाय में आंतरिक गुणवत्ता सेल यानी आईक्यूएसी का गठन होगा। उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन नोएडा में बैचलर इन डिजाइन की तरह मास्टर इन डिजाइन में भी काउंसलिंग के बाद बची सीटों पर संस्थान अपने स्तर से दाखिले ले सकेंगे। एकेटीयू में विद्या परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों पर सहमति जताई गई।कुलपति प्रो. जेपी पांडेय की अध्यक्षता में शनिवार को हुई विद्या परिषद की बैठक में पीएचडी ऑर्डिनेंस में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब बीटेक और एमसीए प्रथम श्रेणी में पास छात्रों को सीधे पीएचडी में प्रवेश मिल सकेगा। हालांकि इसके लिए कुछ औपचारिकताएं होंगी। एमटेक में प्रवेश सीयूईटी और गेट के जरिए होंगे। कोर्स वर्क पूरा करने के बाद निर्धारित ग्रेड मिलने पर पीएचडी में माइग्रेट करने का मौका दिया जाएगा। एमटेक निर्धारित ऑर्डिनेंस के तहत चलता रहेगा। पीएचडी में माइग्रेट करने पर पीएचडी ऑर्डिनेंस की व्यवस्था लागू होगी। प्रस्ताव के अनुसार सहायक प्रोफेसर स्तर पर चार और सह प्रोफेसर स्तर पर अधिकतम छह पीएचडी रजिस्टर्ड छात्र हो सकेंगे। जबकि लगातार तीन आरडीसी में गायब रहने पर शोधार्थियों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। हर एक शैक्षिक वर्ष में पीएचडी छात्रों को भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इस मौके पर कुलसचिव जीपी सिंह, प्रतिकुलपति प्रो. मनीष गौड़, आइईटी के निदेशक प्रो. विनीत कंसल, प्रो. वंदना सहगल, उपकुलसचिव डॉ. आरके सिंह, केएनआईटी सुल्तानपुर के निदेशक प्रो. केएस वर्मा सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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