उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन में हो रही देरी और भर्ती प्रक्रिया ठप होने से बेरोजगारों में निराशा बढ़ रही है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि या तो तत्काल शिक्षक भर्ती शुरू की जाए या फिर बीएड और डीएलएड में प्रवेश प्रक्रिया रोक दें। क्योंकि जब शिक्षक भर्ती होनी ही नहीं है तो हर साल लाखों की संख्या में प्रवेश क्यों लिया जा रहा है।
अवनीश पांडेय का कहना है कि पिछले छह साल से शिक्षा आयोग के गठन की चर्चा है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा। प्रदेश में प्राथमिक, जूनियर, टीजीटी-पीजीटी, एलटी ग्रेड, प्रवक्ता व असिस्टेंट प्रोफेसर मिलाकर लगभग एक लाख से अधिक सीटें खाली हैं। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में दिसंबर 2018 में 69000 शिक्षक भर्ती आई थी।
राजकीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती भी मार्च 2018 में आई थी। सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में 2021 के बाद से भर्ती नहीं आई है। शिक्षक भर्ती न होने से लाखों छात्र हताश, निराश और अवसाद का शिकार हो रहे हैं।