अधिकार स्वरूप नहीं मांग सकते ट्रांसफर
प्रयागराज। । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों के लिए दो जून 2023 को जारी राज्य सरकार की तबादला नीति को वैध करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि अध्यापक अधिकार स्वरूप स्थानांतरण की मांग नहीं कर सकते। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कुलभूषण मिश्र व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
याचिका में दो जून 2023 को जारी शासनादेश के क्लाज एक व 15 के अतिरक्त छह जून 2023 को जारी सर्कुलर को चुनौती देते हुए इन्हें रद्द करने की मांग की गई थी। याची संख्या एक की नियुक्ति 10 मार्च 2019 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशम्बी द्वारा की गई थी और उसकी तैनाती नेवादा विकासखंड में है। याची संख्या दो की नियुक्ति ब्लॉक धनूपुर प्रयागराज में है। अध्यापकों ने शासनादेश के उस प्रावधान को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की थी, जिसमें यह शर्त है कि सामान्य स्थिति में पुरुषों के लिए पांच वर्ष एवं महिला के लिए दो वर्ष सेवा के बाद स्थानांतरण पर विचार होगा।
कहा गया था कि ट्रांसफर पॉलिसी में पांच वर्ष की सेवा की अनिवार्यता रद्द की जाए। साथ ही याचियों का स्थानांतरण यूपी बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के नियम 21 के अनुरूप बनाए गए प्रावधानों के तहत किया जाए।