प्रयागराज । प्रदेश सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक से आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं मिली। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का प्रस्ताव पारित न होने पर अभ्यर्थियों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि साल भर से लंबित भर्तियों का क्या होगा।
पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) के 71684 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 16750 पद रिक्त पड़े हैं। वहीं, प्रवक्ता (पीजीटी) के 22254 पद स्वीकृत हैं और इनमें से 2522 पद रिक्त पड़े हैं।
इस तरह टीजीटी-पीजीटी के कुल 19272 पद खाली हैं। इनमें से 4163 पदों पर भर्ती के लिए अगस्त 2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन भर्ती परीक्षा की तिथि घोषित नहीं की गई। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सदस्यों के सभी 10 पद खाली हैं और अध्यक्ष का कार्यकाल भी अप्रैल में पूरा हो चुका है। भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़े, इसके लिए नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का इंतजार है.
अभ्यर्थी यह मांग भी कर रहे हैं कि विज्ञापित किए गए 4163 पदों के अतिरिक्त टीजीटी- पीजीटी के रिक्त पड़े 15109 पदों को भी टीजीटी / पीजीटी भर्ती परीक्षा 2022 में शामिल किया जाए। वहीं, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भी भर्ती के लिए अगस्त 2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इस भर्ती के लिए भी परीक्षा तिथि अब तक घोषित नहीं की गई है.
भर्ती कराने वाले उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में सदस्यों के छह में से चार पद खाली हैं और अध्यक्ष का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो चुका है। इस भर्ती प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने के लिए नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का इंतजार किया जा रहा है। अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि कैबिनेट की बैठक में इस मसले पर कोई निर्णय जरूर लिया जाएगा, लेकिन उन्हें इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।