फैसला : सहायक प्रोफेसर भर्ती के लिए पीएचडी जरूरी नहीं
सहायक प्रोफेसर भर्ती के लिए पीएचडी जरूरी नहीं
संस्कृत में डिप्लोमा के चार कोर्स शुरू होंगे
लखनऊ। प्रदेश के 15 जिलों में राज्य सरकार की तरफ से नये आवासीय संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे जबकि रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये संस्कृत विद्यालयों में चार डिप्लोमा कोर्सेज शुरू किए गए हैं।
छात्र पाएंगे रोजगार P10
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सहायक प्रोफेसर पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर दी है। एक जुलाई से लागू हुए नए नियमों के तहत राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट), राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) तथा राज्य स्तर पात्रता परीक्षा (एसईएलटी) उत्तीर्ण करने वाले सहायक प्रोफेसर बन सकेंगे।
यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बुधवार को नए बदलावों की जानकारी दी। यूजीसी ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। कुछ साल पहले यूजीसी ने सहायक प्रोफेसर के लिए पीएचडी अनिवार्य थी। हालांकि, इस बदलाव के बाद भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, नियुक्त प्रक्रिया में जब अकादमिक स्कोर तैयार होता है तो पीएचडी उम्मीदवार को ज्यादा अंक दिए जाते हैं और गैर-पीएचडी को कम। इसलिए पीएचडी उम्मीदवार की मौजूदगी में गैर-पीएचडी वाले की नियुक्ति मुश्किल है। जहां पीएचडी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, वहां जरूर इसका फायदा होगा