69000 शिक्षक भर्ती : महिला स्थानान्तरण के संबंध में महत्वपूर्ण अपडेट
लक्ष्य_कार्यमुक्ति
जैसा कि आपको पता है कि दिनांक 10 जुलाई को बेसिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ पर 69000 शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षिकाएं स्थानान्तरण पश्चात अपनी कार्यमुक्ति पर लगी रोक को हटाने के लिये एकत्र हुईं। महिला शिक्षिकाओं के प्रतिनिधि मंडल द्वारा क्रमशः सचिव महोदय और महानिदेशक महोदय के समक्ष अपना पक्ष रखा गया।
---: सचिव महोदय से वार्ता :---
सचिव महोदय से हुई वार्ता का सार यही निकलता है कि वे पूरी तरह से माननीय उच्च न्यायालय के अधीन ही रहते हुए आगे बढ़ना चाहते हैं। साथ–ही वह स्वयं भी आश्वस्त नही हैं कि सबकुछ 17 जुलाई को ही सही हो जायेगा। सचिव महोदय द्वारा यह भी कहा गया कि उच्च न्यायालय में चल रहे मामले को 1…2 सुनवाई में निस्तारित करवाने की कोशिश रहेगी और ततपश्चात ही इन शिक्षिकाओं की कार्यमुक्ति सम्भव है। साथ–ही वार्ता के दौरान मुद्दे से भटकाकर बीच-बीच में उनके द्वारा स्थानान्तरण सूची से 69000 भर्ती की महिला शिक्षिकाओं को पृथक करने की बात को भी कहते हुए सुना गया।
सचिव महोदय से हुई वार्ता में उनके गोल-मोल जबाब से कुछ स्पष्ट न हो पाने पर, प्रशासन की मध्यस्थता से महानिदेशक महोदय से मुलाकात हुई।
---: महानिदेशक महोदय से वार्ता :---
महानिदेशक महोदय ने प्रतिनिधि मंडल की बात को गंभीरता से सुनते हुए मामले में विधिक राय लेकर आगे बढ़ने को आश्वस्त किया है। ऐसे में विधिक राय पर कार्य 17 जुलाई से पहले संभव नहीं है। लेकिन एक संभावना जरूर खुलती है कि 17 जुलाई के बाद चीजें पक्ष में हों। महोदय ने आश्वाशन दिया कि 69000 शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षिकाओं की कार्यमुक्ति के लिए वो माननीय न्यायालय में प्रभावी पैरवी की जाएगी जिससे अतिशीघ्र कार्यमुक्ति सम्भव हो सके। महानिदेशक महोदय का व्यवहार बहुत ही सकरात्मक रहा।
सार स्वरूप यह निष्कर्ष है कि आपकी कार्यमुक्ति, विभाग द्वारा प्रभावी पैरवी पर ही निर्भर है।
आप सब एक तथ्य बहुत स्पष्ट रूप से समझ लीजिए कि अधिकारों से वंचित की लड़ाई स्वयं वंचित को ही लड़नी होती है। कल जरूर वहां पर अपनी आवाज पहुंचाने कुछ महिला अभ्यर्थी पहुंची लेकिन वो पीड़ित का 10% मात्र भी नहीं थीं। जबकि यह जानकारी थी कि स्थानान्तरण प्रक्रिया का केवल एक ही अंतिम चरण शेष है। सचिव महोदय केवल महिला शिक्षिकाओं से ही मिलने को तैयार हुए थे, इससे यह भी तय है कि यह लड़ाई आपकी ही है और विभाग आपसे ही आपके तर्क और आपका दर्द सुनना चाहता है।
वर्तमान समय में 17 जुलाई की सुनवाई पर ही आप सबका ध्यान केन्दित होना चाहिए अन्य किसी मुकदमे या लोभ-प्रलोभ व भ्रामक जानकारियों पर नहीं।
केवल विभाग द्वारा मजबूत पैरवी ही न्यायालय में विचाराधीन इस प्रकरण को सार्थक नतीजे पर पहुँचा सकती है। अतः अनावश्यक रूप से कोर्ट पहुंच कर समय, धन व मानसिक स्थिरता को क्षीण होने से बचाएं।
जिन्हें लगता है कि वो वास्तव में परेशान हैं और उन्हें कुछ प्रयास करना चाहिए, वो और साथ ही आप सब भी अपनी समस्या उचित माध्यमों से सरकार के मंत्रीगण, शासन के अधिकारियों औऱ अपने जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाते रहें।
आगे की दिशा व दशा आप सब 17 जुलाई की सुनवाई के पश्चात स्वयँ तय करेंगी, क्योंकि इस पूरी प्रकिया की प्रत्यक्ष लाभार्थी आप स्वयं हैं न कि कोई और, तो आप सबको ही हर हाल में आगे आना ही होगा।
धन्यवाद🙏
आपका साथी
सर्वेश प्रताप सिंह