एनपीएस सदस्य पसंद का पेंशन प्लान चुन सकेंगे
यह होगा फायदा
जीवन बीमा कंपनियां निवेश अवधि और प्रदर्शन के आधार पर अलग-अलग एन्यूटी/पेंशन प्लान उपलब्ध कराती हैं, जिनमें वार्षिक ब्याजें दरें और मुनाफा भी अलग होता है। अधिक पेंशन के लिए निवेशक ज्यादा मुनाफे वाली योजनाओं को चुन सकेंगे।
अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा
पीएफआरडीए ने यह भी साफ कर दिया है कि एन्यूटी या पेंशन प्लान उपलब्ध कराने वाली बीमा कंपनी एनपीएस सदस्यों से केवल प्रीमियम ले सकती हैं, अन्य कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं। एनपीएस सदस्य पहले ही सरकार को कर के तौर पर शुल्क दे रहे हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से बाहर निकलने के नियमों को आसान बना दिया है। इसके तहत एनपीएस सदस्य योजना से निकासी के समय एन्यूटी/पेंशन प्लान और बीमा कंपनी का चुनाव अपनी जरूरत और पसंद के मुताबिक कर सकेंगे। इसके लिए किसी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जाएगा।
इस संबंध में पीएफआरडीए ने हाल में एक सर्कुलर जारी किया है। पेंशन नियामक ने सरकार और नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट के नोडल अधिकारियों को एनपीएस सदस्यों को उनकी जरूरतों के मुताबिक पेंशन प्लान चुनने में मदद करने का आदेश दिया है। इससे लाभार्थियों को आगे किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। नियामक ने कहा है कि एन्यूटी या पेंशन प्लान चयन एनपीएस सदस्यों की आवश्यकताओं और व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर होना चाहिए।
क्या हैं नियम यदि सेवानिृवत्त हुए हैं तो 60 साल की आयु में सेवानिवृत्ति के बाद एनपीएस से 60 फीसदी रकम ही एकमुश्त निकाली जा सकती है। यह कर मुक्त होती है। बाकी 40 फीसदी रकम को एन्युटी/पेंशन प्लान में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है। ये प्लान जीवन बीमा कंपनियां उपलब्ध कराती हैं। हालांकि, अगर सेवानिवृत्ति के बाद कुल एन्युटी फंड पांच लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो सदस्य पूरी रकम निकाल सकते हैं।
समय पूर्व निकासी की स्थिति में यदि कोई एनपीएस सदस्य 60 वर्ष से पहले समय पूर्व निकासी चाहता है तो उसे कुल फंड का 80 फीसदी हिस्सा एन्युटी/पेंशन प्लान खरीदने में लगाना होता है। सिर्फ 20 फीसदी रकम ही एकमुश्त निकाल सकते हैं। अगर समय पूर्व निकासी के समय कुल फंड 2.5 लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो एन्युटी प्लान खरीदने की बाध्यता नहीं है। सदस्य पूरी राशि निकाल सकते हैं।