मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बेसिक शिक्षा के 1.91 करोड़ बच्चों को यूनिफॉर्म, जूते मोजे व स्टेशनरी के लिए 2300 करोड़ रुपये भेज दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज से सात साल पहले स्कूलों की स्थिति ऐसी थी कि बच्चे यहां आने से डरते थे। स्कूलों में पेड़ और झाड़ियां उगी रहती थी। बच्चों के नामांकन में गिरावट थी, आज उन्हीं विद्यालयों का कायाकल्प हुआ है। आज वहां बच्चों की संख्या 60 लाख बढ़ी है। बेसिक शिक्षा में परिवर्तन दिखता है, अब बारी माध्यमिक शिक्षा की है। माध्यमिक विद्यालयों के लिए ऑपरेशन कायाकल्प फेज 2 चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री बेसिक विद्यालय के 1.91 करोड़ बच्चों को यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूते मोजे, स्टेशनरी के लिए 2300 करोड़ रुपए डीबीटी करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि माध्यमिक में नकल विहीन परीक्षा हुई है। पहले नकल का अड्डा कोई और चलाता था, बदनाम शिक्षक होता था। माध्यमिक के राजकीय व एडेड विद्यालयों की, संस्कृत विद्यालयों की स्थिति कार्ययोजना बनाकर सुधारें। इसके लिए सीएसआर फंड, पूर्व छात्रों, सांसद-विधायक निधि का प्रयोग करें।
इस अवसर पर सीएम ने बेसिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए सीएसआर फंड से 250 करोड़ देने वाली संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह दानदाता पहले भी थे लेकिन पहले कोई इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था। अब सब जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में पहले की अपेक्षा बच्चों की संख्या 1.30 करोड़ से बढ़कर 1.91 करोड़ हो गई है। इस संख्या को बढ़ाने के साथ, बच्चों की पढ़ाई जारी रखना भी महत्वपूर्ण है। शिक्षक ड्राप आउट रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। खासकर बच्चियों के लिए, जिनके अभिभावक कक्षा पांच के बाद स्कूल नहीं भेजते। एक बच्चा स्कूल नहीं आता है तो उसके अभिभावक से बात करें, उसके घर जाकर जानकारी ले। इससे शिक्षक के प्रति सकारात्मक भाव पैदा होगा।
शिक्षकों की जिम्मेदारी है, ऑपरेशन कायाकल्प की तरह डीबीटी की सफलता के लिए काम करने की। डीबीटी से जो पैसा भेजा गया, उसका सही प्रयोग हो और बच्चे ड्रेस में ही स्कूल आएं। इसके लिए शिक्षक, अभिभावकों के साथ बैठक करें। सीएम ने कहा कि शिक्षक अपडेट होगा तो पूरी पीढ़ी अपडेट होगी। शिक्षकों को अपडेट करने के लिए समय-समय पर शिक्षण, प्रशिक्षण, रिफ्रेशर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि शिक्षकों के व्यवहार में थोड़ा रूखापन है। आप खुद देखे की स्कूल में आपका व्यवहार कैसा है। अगर शिक्षक सकारात्मक भाव से बच्चों को आगे बढ़ाएंगे तो इसके काफी बदलाव दिखेंगे। इस अवसर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माध्यमिक शिक्षा गुलाब देवी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बेसिक शिक्षा संदीप सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव बेसिक व माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद आदि उपस्थित थे।